चार साल बाद एक बार फिर हाथरस रेप पीड़िता के परिवार से मिले कांग्रेस नेता राहुल गांधी

Rahul Gandhi Hathras
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Rahul Gandhi in Hatras: कांग्रेस पार्टी  नेता राहुल गांधी भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते हैं, और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के सदस्य हैं। लेकिन अचानक लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सुबह-सुबह घर से निलकते हैं और हाथरस पहुंच जाते हैं. उनके अचानक हाथरस दौरे से सभी हैरान हैं और सियासत भी तेज हो गई है.

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अचानक हाथरस क्यों गए राहुल?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अचानक दौरे का प्लान बनाया और वह गुरुवार को सुबह 7 बजे दिल्ली से हाथरस के लिए निकल गए, मीडिया रिपोर्ट्स  के मुताबिक़ कांग्रेस नेता राहुल गांधी सुबह 11.15 बजे हाथरस के बूलगढ़ी गांव पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने साल 2020 में कथित गैंगरेप के बाद जान गंवाने वाली दलित युवती के परिवार से मुलाक़ात की और 45 मिनट तक परिवार से बातचीत की तब से  राहुल गांधी के दौरे को लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, “राहुल गांधी को पता ही नहीं है कि हाथरस में सीबीआई ने जांच कर ली है और मामला अदालत में चल रहा है.” उन्होंने कहा, “राहुल गांधी उत्तर प्रदेश को अराजकता और दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं, लोगों को भड़काना चाहते हैं.” इसके अलवा वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा,’चाहे संभल हो या हाथरस, वह (गांधी) सिर्फ सुर्खियों में रहने के लिए वहां जाते रहते हैं, किसी और वजह से नहीं.’

वही इस सवाल को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि खुद पीड़िता के पिता ने जुलाई में पत्र लिखकर राहुल गांधी से मांग की थी कि वो उनसे मिलना चाहते हैं. इसके अलावा एक दावा यह भी है कि पीड़ित परिवार का कहना है कि सरकार की तरफ से किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. पीड़िता के पिता का कहना है कि 4 वर्ष से बेरोजगार हूं और सरकार की तरफ से किए गए वादे भी पूरे नहीं हुए.

क्या है 2020 का हाथरस कांड?

हाथरस में सितंबर 2020 में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ 14 सितंबर 2020 को कथित तौर पर गैंगरेप हुआ था. जिसके बाद उन्हें पहले इलाज के लिए अलीगढ़ भेजा गया और फिर दिल्ली, के सफदरजंग में  29 सितंबर 2020 को उनकी मौत हो गई. हालांकि, 30 अक्तूबर 2020 को सुबह-सुबह युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके परिवार ने स्थानीय पुलिसवालों पर अंतिम संस्कार के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया. हालांकि, पुलिस ने इस दावे को ख़ारिज किया और कहा कि अंतिम संस्कार परिवार की इच्छा के अनुसार हुआ.

इस घटना को लेकर खूब राजनीती भी हुई और विपक्षी दलों ने सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया. उस समय भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की थी और कहा था कि वो पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे.  मामले में चारों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल कर दी गई है.

इस घटना में जातिगत भेदभाव का भी हाथ था. देशभर के लोगों का गुस्सा देखते हुए सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी थी.

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