Raibareli News: हाल ही में रायबरेली के जगतपुर झंगहां के टांगन गांव में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां भाजपा नेता मनोज कुमार पर दलित समुदाय की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा है। पीड़ित समुदाय ने विकास भवन परिसर में धरना देकर सिटी मजिस्ट्रेट को अधिकार दे दिया है।
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जानें क्या है पूरा मामला ?
दलितों की जमीन पर भू-माफिया का निशाना एक गंभीर समस्या है जो भारत में कई वर्षों से चली आ रही है। भू-माफिया अक्सर दलितों की गरीबी और अशिक्षा का फायदा उठाकर उनकी जमीन हड़प लेते हैं। वे अक्सर फर्जी दस्तावेज, धमकी और हिंसा का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के रायबरेली के जगतपुर झंगहां के टांगन गांव से सामने आया है जहाँ बीजेपी के नेता मनोज कुमार पर दलित समुदाय की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा है।
वही जिला पंचायत अध्यक्ष रंजन चौधरी के अनुसार भजपा विधायक मनोज कुमार ने नाई और धोबी समाज की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस मामले की शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वही अब इस मामले को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट ने मामले में शीघ्र न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
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भाजपा नेता पर आरोप
विधायक मनोज कुमार पांडेय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने किसी दलित की जमीन पर कब्जा नहीं किया है। उनका दावा है कि 37 मीटर जमीन का बैनामा हुआ है और उन पर लगाए गए आरोप राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित हैं। विधायक ने खुद जिला अधिकारी और उपजिलाधिकारी ऊंचाहार से मांग की है कि राजस्व टीम से जमीन की पैमाइश कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
दलित की जमीन पर कब्जा
भारत में दलितों की ज़मीन पर भू-माफ़ियाओं का कब्ज़ा एक गंभीर समस्या है जो कई सालों से चली आ रही है। भू-माफ़िया अक्सर दलितों की ग़रीबी और अशिक्षा का फ़ायदा उठाकर उनकी ज़मीन हड़प लेते हैं। यह समस्या न केवल दलितों के आर्थिक और सामाजिक विकास को बाधित करती है, बल्कि उनके मानवाधिकारों का भी हनन करती है। कई बार दलितों को अपनी जमीन बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती है, जिसमें उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
आपको बता दें, भारत में इस समस्या का समाधान करने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं जैसे दलितों को उनकी जमीन के कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करना जरूरी है। दूसरी और प्रशासनिक अधिकारियों को भू-माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए जवाबदेह बनाना चाहिए। इसके अलवा दलितों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने से वे भू-माफिया के खिलाफ अपनी आवाज उठा सकेंगे।