Rajasthan news: हाल ही में न्याय की मांग को लेकर दलित समाज ने जयपुर में पैदल मार्च निकाला। यह मार्च राजस्थान के चूरू जिले के सांडवा थाने के इयारा गांव से शुरू हुआ। पीड़ित परिवारों का दावा है कि उनके साथ न्याय नहीं हुआ है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। जिसे लेकर सुजानगढ़ के एसएसपी ने उन्हें समझाया। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
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न्याय कि मांग को लेकर दलित समाज में आक्रोश
भारत में दलितों के खिलाफ अत्याचार और न्याय एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है। दलित समुदाय सदियों से सामाजिक भेदभाव और उत्पीड़न का सामना कर रहा है। हालाँकि, भारतीय संविधान और कानूनों ने उन्हें समानता और न्याय दिलाने के लिए कई प्रावधान किए हैं। लेकिन ये सच होते नहीं दिख रहे है। जी हाँ, बीते दिन राजस्थान के चूरू जिले के सांडवा क्षेत्र में दलित समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सैकड़ों पुरुष और महिलाओं ने सांडवा थाने के इयारा गांव से जयपुर तक पैदल मार्च शुरू किया।
यह मार्च देर शाम सांडवा थाने पहुंचा। दरअसल, सांडवा थाना क्षेत्र के गांव इन्यारा में करीब 6 माह पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में मिले मृतक राजूराम मेघवाल के शव के मामले में अभी तक कोई खुलासा नहीं होने से दलित समाज में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
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भीमआर्मी के प्रदेश अध्यक्ष ने कि न्याय मांग
परिजनों का आरोप है कि आरोपियों के राजनीतिक संबंधों के चलते पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर रही है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मामले को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। जिसमें न्याय कि मांग को लेकर भीम सेना के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र नोसरिया, प्रदेश महासचिव राज कटाला, जिलाध्यक्ष मंशीराम मेघवाल और जिलाध्यक्ष जालु बोध के नेतृत्व में यह मार्च शुरू हुआ। सुजानगढ़ के एसएसपी ने प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें समझाया। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान करीब आधे घंटे तक प्रतिनिधिमंडल से वार्ता चली, जिसमें पीड़ितों की जायज मांगों को मान लिया गया। इसके बाद समाज के लोगों द्वारा जयपुर कूच का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान एसएसपी ने दलित समाज द्वारा दर्ज कराए गए दो अन्य मामलों में भी जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।