Rajasthan: हाल ही में राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक दलित दूल्हे को घोड़ी पर बारात निकालने से रोकने की धमकी मिली थी। जिसके बाद 4 थानों की पुलिस सुरक्षा में उसकी बारात निकाली गई। तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारे में बताते है।
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जानें क्या है पूरा मामला?
आजादी के 78 सालों बाद भी दलित समुदाय के लोगों को आज भी समाज में सिर उठाकर जीने का हक नहीं मिला है…संविधान ने उन्हें अधिकार तो दे दिए लेकिन जातिवादियों ने उन्हें आज तक अपनाया नहीं है. गांवों में आज भी दलित समाज के लोग सवर्णों के सामने कुर्सी पर नहीं बैठ सकते, जातिवादी उनके हाथों से खाना नहीं खा सकते…उनके साथ बैठ नहीं सकते…अगर कोई दलित परिवार समाज में ऊपर उठने का प्रयास भी करता है तो जातिवादी उसे दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ते…अब ऐसा ही एक मामला राजस्थान के झुंझुनूं से सामने आया है, जहां जातिवादियों ने एक दलित दूल्हे को घोड़ी पर बारात निकालने से रोकने की धमकी मिली थी।
इस मामले में दूल्हे को किसी तरह की बाधा या हमले का सामना न करना पड़े, इसके लिए सुरक्षा के लिए चार थानों का पुलिस बल तैनात किया गया था। यह मामला मेहरा थाना क्षेत्र के रामपुरा ग्राम पंचायत का है। पंचायत के गोविंददासपुरा गांव में दलित दूल्हे की बिंदौरी से पहले ही विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने धमकी देने वाले युवकों को भी पाबंद किया।
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दूल्हे के परिजनों ने एसपी को दी शिकायत
जानकारी के अनुसार गोविंददासपुरा गांव के मेघवाल समाज के दूल्हे की बारात शनिवार शाम को रवाना हुई। बारात रवाना होने से पहले दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर गांव में बिंदूरी निकाली गई। तीन दिन पहले गांव के ही कुछ ऊंची जाति के युवकों ने दूल्हे और उसके परिवार को घोड़ी पर न बैठने और बिंदूरी न निकालने की धमकी दी थी। इस धमकी के बाद दूल्हे के परिवार ने एसपी से शिकायत की। फिर दो दिन पहले पुलिस गांव में काउंसलिंग के लिए गई थी। लोगों ने विरोध किया था।
उस दौरान पुलिस ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों को पाबंद किया था। इसके बावजूद संभावित विरोध को देखते हुए बिंदोरी के लिए मेहरा, खेतड़ी, खेतड़ी नगर और बबाई थाने के जवानों के साथ पुलिस लाइन से क्यूआरटी टीम तैनात की गई थी। बिंदोरी के बाद बारात नारनौल के शोभापुर के लिए रवाना हुई।