Rajasthan: राजस्थान में विवेकानंद और अंबेडकर स्कॉलरशिप में भारी अंतर को लेकर छात्रों में आक्रोश

Ambedkar & Swami Vivekanda, Ambedkar & Swami Vivekanda Scholarships
Source: Google

Rajasthan news: हाल ही में राजस्थान सरकार की ओर से दी जाने वाली दो प्रमुख छात्रवृत्तियां, विवेकानंद और अंबेडकर स्कॉलरशिप, इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। खासकर, अंबेडकराइट्स का एक वर्ग इन छात्रवृत्तियों के वितरण में भेदभाव का आरोप लगा रहा है।

और पढ़े : आंबेडकर रोजगार योजना क्या है? जानिए इस योजना से आप भी कैसे ले सकते है लाभ

जानें क्या है पूरा मामला?

डॉ. अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और पिछड़ा वर्ग (OBC) के विद्यार्थियों के लिए अकादमिक उत्कृष्टता के लिए स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति में आरक्षण लागू करने की मांग की है। सोसायटी के महासचिव जीएल वर्मा ने सरकार से छात्रवृत्ति नीति में संशोधन करने की जरूरत बताई है।

वही वर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार की स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति के तहत हर साल 300 मेधावी विद्यार्थियों को विदेशी विश्वविद्यालयों में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है, लेकिन इसमें आरक्षित वर्गों के लिए कोई कोटा नहीं है। वहीं, डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति के केवल 5 विद्यार्थियों को सीमित विषयों में पीएचडी के लिए छात्रवृत्ति मिलती है, जो अप्रासंगिक और गैर लाभकारी साबित हो रही है।

और पढ़े : डॉ. भीमराव आंबेडकर आवास योजना जानें इसके मुख्य उद्देश्य क्या-क्या हैं

क्यों हो रहा है विरोध?

अंबेडकराइट्स का आरोप है कि विवेकानंद स्कॉलरशिप के तहत छात्रों को जितनी आर्थिक सहायता दी जाती है, उसकी तुलना में अंबेडकर स्कॉलरशिप के तहत काफी कम राशि मिलती है। उनका कहना है कि यह भेदभाव सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है और इससे वंचित छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है।

विरोध कर रहे छात्रों का तर्क है कि दोनों ही छात्रवृत्तियां महत्वपूर्ण हैं और इनका उद्देश्य छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। ऐसे में, एक छात्रवृत्ति में अधिक राशि और दूसरी में कम राशि देना उचित नहीं है। उनका यह भी कहना है कि अंबेडकर स्कॉलरशिप, जो कि दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए है, उसमें कम राशि देना सामाजिक न्याय के खिलाफ है।

इसके अलवा अंबेडकराइट्स की मांग है कि दोनों ही छात्रवृत्तियों में समान राशि दी जाए। उनका कहना है कि इससे सभी छात्रों को समान अवसर मिलेगा और वे बिना किसी आर्थिक चिंता के अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने सरकार से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने की मांग की है।

विवेकानंद और अम्बेडकर छात्रवृत्ति के बीच अंतर

स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति एक छात्रवृत्ति योजना है जिसे पश्चिम बंगाल राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में मदद करना और उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करना है। यह योजना स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित है, जो मानते थे कि शिक्षा ही आत्मनिर्भरता और समाज में बदलाव लाने का मुख्य साधन है। आपको बता दें कि अब तक 1,000 से ज़्यादा छात्रों को विवेकानंद छात्रवृत्ति का लाभ मिल चुका है, जबकि अंबेडकर योजना का लाभ किसी भी छात्र को नहीं मिल पाया है।

डॉ. अंबेडकर योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। यह छात्रवृत्ति अनुसूचित जाति वर्ग के उन विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है जो विदेश में स्थित किसी विश्वविद्यालय या संस्थान से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *