‘भारत में जातिवाद बहुत है…वहां पड़ा रहता तो जिंदगी में इतना आगे नहीं बढ़ पाता’ ये शब्द हैं एक अंबेडकरवादी दलित बिजनेसमैन के. जिन्होंने जातिवाद के कारण भारत में तमाम मुश्किलें झेली..काफी दिक्कतों का सामना किया…यहां के हालात से तंग होकर देश छोड़ दिया और आज जिस स्थान पर है, वहां पहुंचने के लिए मनुवादियों को कई पुस्त लग जाएंगे…इस लेख में हम आपको बताएंगे कनाडा के सबसे रइस अंबेडकरवादी परिवार के बारे में बताएंगे, जो वहां भी बाबा साहेब के नाम को गौरवांवित कर रहे हैं
जातिवाद का जहर कनाडा में नहीं
यह कहानी है पंजाबी दलित बरजिंदर भट्टी की..वह भारत में एक प्राइवेट जॉब करते थे लेकिन जातिवाद का जहर समाज में इतना भीतर तक घुस चुका था कि उन्हें देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. वह अभी कनाडा में लैंड डेवलपमेंट, कंक्रीट मैन्युफैक्चरिंग, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट और रियल एस्टेट का बिजनेस करते हैं. भट्टी जी के पिता भी सरकारी नौकरी में थे लेकिन 2009 में रिटाएरमेंट के बाद 2010 में वह भी अपने बेटे के पास कनाडा शिफ्ट हो गए.
भट्टी जी का पूरा परिवार अभी कनाडा में ही रहता है, जिनमें उनके माता-पिता, पत्नी, बच्चे और बरजिंदर भट्टी के भाई का परिवार शामिल है. मौजूदा समय में उनके पास खुद की 13 महंगी महंगी गाड़ियां हैं. वह कहते हैं कि अगर मैं भारत से कनाडा नहीं आया होता तो अपने जीवन में इतना कुछ नहीं कर पाता. देश छोड़ने के सवाल पर भट्टी जी कहते हैं कि भारत में बहुत ज्यादा जातिवाद है…वहां जाति के आधार पर लोगों को विकास के मौके मिलते हैं…
बरजिंदर भट्टी पूरी तरह से अंबेडकरवादी हैं. वह बाबा साहेब को अपना आदर्श मानते हैं. जैसे बाबा साहेब को जातिवाद की वजह से तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा था, वैसे ही भट्टी जी ने भारत में खुद के लिए अनुभव किया. विकास के समान अवसर के लिए उनके पास भारत छोड़ने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था. ऐसे में वह कनाडा शिफ्ट हो गए.
बरजिंदर क्या कहते है
बरजिंदर भट्टी बताते हैं कि जब तक आप तुलना नहीं करते, आपको पता नहीं चलता कि क्या सही है और क्या गलत है. कनाडा में जात-पात, भेदभाव ये सब नहीं है, इसलिए उन्हें यहां मौका मिला. वह बताते हैं कि उन्होंने बहुत मेहनत की है, रोज मेहनत की है. भट्टी जी बताते हैं कि हमेशा कुछ ज्यादा करने की चाह में पंजाब से लोग कनाडा या अन्य देशों में जाते रहते हैं. आज के समय में बरजिंदर भट्टी कनाडा के सबसे रइस दलित हैं. यह वहां पर हजारों लोगों को रोजगार दे रहे हैं और जातिवाद से मुक्त होकर एक अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं.