Madhya Pradesh: सीहोर में दलित परिवार का बहिष्कार, दबंगों ने की सारी हदें पार, राशन पानी तक बंद

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Sehore: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के बकतरा गांव से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दलित परिवार को समाज से पूरी तरह बहिष्कृत कर दिया गया है। गांव के दबंगों ने फरमान सुनाया है कि कोई भी इस परिवार को राशन-पानी नहीं देगा और जो भी उनकी मदद करेगा उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।

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दलित परिवार का बहिष्कार

यह मामला राधेश्याम वंशकार के मकान निर्माण से जुड़ा है। राधेश्याम वंशकार अपना मकान बनवा रहे थे, तभी गांव के एक प्रभावशाली परिवार से उनका विवाद हो गया। थाने में मामला दर्ज होने के बाद दबंगों ने समाज की एक बड़ी बैठक बुलाई। इस बैठक में शर्मनाक फैसला लिया गया कि गांव का कोई भी व्यक्ति वंशकार समाज के इस परिवार को राशन, पानी और जरूरी सामान नहीं देगा।

पीड़ित परिवार को जब राशन लेने के लिए गोदाम लाया गया तो असनीत ने पगड़ी लेने से इनकार कर दिया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें असनीत परिवार को सामान देने से मना कर रहा है। पिछले तीन दिनों से यह परिवार किसी तरह बाहर खाना बना रहा है। इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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मदद के दलित परिवार पहुचा जिला कलेक्टर के पास 

इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार  बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ सीहोर कलेक्टर के पास पहुंचा और न्याय की अपील की। इस मामले पर सीहोर कलेक्टर बाला गुरु ने टिप्पणी करते हुए निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जायेगा और उनके खिलाफ सख्त से सख्त करवाई कि जायेगी।

समाज में दलितों पर अत्याचार

कहा जाता है कि देश आजाद हो गया है लेकिन आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। कहा जाता है कि समाज में हर दिन बदलाव हो रहे हैं लेकिन दलितों पर अत्याचार आज भी खत्म नहीं हुए हैं। समाज में दलितों को आजादी नहीं मिली है, उनके साथ आज भी भेदभाव देखने को मिलता है, कभी उन्हें साथ में पढ़ने नहीं दिया जाता, कभी दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं बैठ सकता, कभी गांव के दबंग उनका बहिष्कार कर देते हैं जो समाज में एक बड़ी बीमारी है।

समाज में भेदभाव को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को इस संबंध में सख्त कानून बनाना चाहिए और दलितों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि समाज को एक संदेश मिले।

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