Sonbhadra News: हाल ही में सोनभद्र जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दलित लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया। खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि एक युवती को बहला-फुसलाकर प्रयागराज ले जाया गया। तो चलिए आपको इस पूरे मामले की जानकारी के बारे में बाते हैं।
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जानें क्या है पूरा मामला ?
हाल ही में सोनभद्र जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है । यहाँ एक दलित युवती को धोखे से प्रयागराज ले जाकर दुष्कर्म किया वही अब इस मामले में आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।
दरअसल यह मामला दुद्धी कोतवाली क्षेत्र का है। आरोपी विधायक का चालक होने का फायदा उठाकर पीड़िता को प्रयागराज ले गया। एससी/एसटी एक्ट कोर्ट ने मंगलवार को मामले की अंतिम सुनवाई की। आरोपी तहियात अली उर्फ बच्चा को दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास व 31 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
परिवार को जान से मारने की धमकी
पीड़िता की ओर से कोर्ट में दिए गए बयान में बताया गया कि 6 जून 2021 को वह अपनी मां के साथ दुद्धी बाजार गई थी। दोपहर 12 बजे वह बस स्टैंड पर सामान खरीदकर मां का इंतजार कर रही थी। उसी समय बच्चा उर्फ वाहियात अली एक लड़के के साथ कार से पहुंचा। वह उसे जानती थी, क्योंकि वह विधायक का ड्राइवर था। उसने उससे कहा कि वह उसके गांव जा रहा है और उसे वहीं छोड़ देगा। जब उसने मना किया तो उसने उसे जबरन खींचकर कार में बैठा लिया।
उसने चिल्लाने की कोशिश की तो उसका मुंह बंद कर दिया। अपराधी उसे वाराणसी ले गया, जहां उसने शब्बीर नाम के लड़के को वापस भेज दिया। वहां से वह उसे बस से इलाहाबाद यानी प्रयागराज ले गया। वहां वह अपने एक दोस्त के घर गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसने घटना का जिक्र किया तो उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। वह उसे सूरत ले गया, जहां पुलिस ने उसे बरामद कर लिया।
कब हुआ था मुकदमा दर्ज?
आपको बता दें कि इस मामले में पीड़िता की मां की तरफ से 7 जून 2021 को दुद्धी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवेचना में पर्याप्त साक्ष्य मिलने का दावा करते हुए पुलिस ने तहियात अली उर्फ बच्चा पुत्र मुस्तफाक अली व शब्बीर उर्फ जाबिद पुत्र नजीर निवासी खजुरी थाना दुद्धी के विरुद्ध धारा 363, 366, 376, 506 BNS व 3(2)(ए) एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। सुनवाई के दौरान सामने आए तथ्यों, अधिवक्ताओं द्वारा प्रस्तुत तर्कों के आधार पर तहियात को उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत कारित अपराध का दोषी पाया गया।
इसके अलवा धारा 376 BNS के तहत अपराध के लिए 10 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 363 आईपीसी के तहत अपराध के लिए पांच वर्ष सश्रम कारावास, धारा 366 BNS के तहत अपराध के लिए सात वर्ष सश्रम कारावास, धारा 506 आईपीसी के तहत अपराध के लिए एक वर्ष कारावास तथा एससी-एसटी एक्ट के तहत अपराध के लिए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई।