छत्तीसगढ़ में चावल चोरी के संदेह में दलित व्यक्ति को पेड़ से बांधकर पीट-पीटकर मार डाला

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Chhattisgarh Dalit News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जहाँ चावल चोरी के शक में एक दलित व्यक्ति की पेड़ से बंधकर पीट-पीटकर हत्या कर दी  गई।  पुलिस ने एक आदिवासी व्यक्ति समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. घटना रविवार तड़के डुमरपाली गांव की है. तो चलिए इस लेख में पुरे मामले के बारे में जानते हैं।

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चावल चोरी के शक में दलित की पेड़ से बांधकर पिटाई 

हाल ही में छापी इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में चावल चोरी के शक में एक दलित व्यक्ति की पेड़ से बंधकर पीट-पीटकर मार डाला हैं। मृतक की पहचान 50 वर्षीय पंचराम सार्थी के रूप में हुई है. सामाजिक कार्यकर्ताओं का दावा है कि घटना मॉब लिंचिंग की है। मुख्य आरोपी वीरेंद्र सिदार ने बताया कि आवाज पर रात में नींद खुल गई। उसने देखा कि पीड़ित पंचराम सार्थी उर्फ बुटू घर में घुसकर चावल से भरी बोरी चुरा रहा है। पंचराम सार्थी की हरकत से वीरेंद्र सिदार नाराज हो गया। उसने पड़ोसियों को सार्थी को पकड़ने के लिए आवाज दी आवाज पर अजय प्रधान और अशोक प्रधान मौके पर पहुंचे। तीनों ने पंचराम सार्थी को पकड़कर पेड़ से बांध दिया। वही गाँव के कुछ लोगों ने सरपंच को बताया जिसके बाद गांव के सरपंच ने सुबह में पुलिस को मामले की जानकारी दी। जिसके बाद छह बजे सुबह पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और पुरे मामले की जाँच कर रही हैं।

वही मौके पर पहुची पुलिस ने दावा किया कि पंचराम सार्थी पेड़ से बांधकर पिटाई की गई थी। हमलावरों ने पीड़ित पर लाठी-डंडे घूंसे बरसाए थे। पुलिस ने गिरफ्तार तीन लोगों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया किया है। पुलिस आगे जांच कर रही है कि घटना में और कौन कौन लोग शामिल हैं।

दलितों के साथ भेदभाव क्यों?

भारत में दलितों के साथ भेदभाव का इतिहास बहुत पुराना है और यह भारतीय समाज की जातिवाद व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। भारतीय समाज में जाति व्यवस्था हजारों साल पुरानी है, और इसमें समाज को विभिन्न जातियों में बांटा गया है। इस व्यवस्था में उच्च जातियों को विशेष अधिकार प्राप्त होते थे, जबकि निम्न जातियों, विशेष रूप से दलितों, को बहुत निम्न दर्जा दिया गया। यह घटना समाज में व्याप्त सामाजिक असमानता और जातिवाद को उजागर करती है। वही इस घटना से यह भी पता चलता है कि ग्रामीण इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब है।

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