Tamil Nadu Dalit Case: हाल ही में तमिलनाडु के शिवगंगा में दलित छात्र के हाथ काटे जाने की घटना 13 फरवरी, 2025 को सामने आई थी. इस घटना में, एक दलित छात्र को ऊंची जाति के लोगों ने कथित तौर पर इसलिए हमला कर दिया क्योंकि वह अपने गांव में महंगी मोटरसाइकिल चला रहा था. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारे में बताते है.
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जानें क्या है पूरा मामला ?
बीते दिन तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के मेलापीडावुर गांव से दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है. जहाँ 21 वर्षीय दलित छात्र पर बुधवार देर शाम ‘बुलेट’ बाइक चलाने पर कुछ दबंगों ने उस पर हमला कर दिया और हमलावरों ने कथित तौर पर छात्र से कहा कि उसे इतनी महंगी मोटरसाइकिल चलाने का हक नहीं है. जिसके बाद दलित युवक आर इय्यासामी के दोनों हाथ कट दिए. वही जब इस मामले कि खबर परिजनों को मिली तो वह आर इय्यासामी को पास के स्थान मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल ले गए जहाँ आर इय्यासामी का इलाज चल रहा है, जो करीब 45 किलोमीटर दूर है.
पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम हैं – ए. मुरुगेसन, एम. पांडिदुरई और एस. रामकुमार. पुलिस के मुताबिक, बुधवार देर शाम जब इय्यासामी अपनी मोटरसाइकिल से घर लौट रहा था, तो उसी गांव के तीन जाति के हिंदुओं आर विनोथकुमार (21), ए अतीश्वरन (22) और एम वल्लारासु (21) ने उसका सामना किया. इसके बाद उन्होंने उस पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया.
जान बचकार भाग निकला
घायल कॉलेज छात्र इय्यासामी के एक रिश्तेदार ने बताया कि ऊंची जाति के हिंदुओं ने इय्यासामी के हाथ काट दिए और कहा, “सिर्फ़ ऊंची जाति के युवा ही हाई-एंड क्लास बाइक चला सकते हैं, दलितों को ऐसी बाइक नहीं चलानी चाहिए.” इसके अलावा, उन्होंने आर इय्यासामी को उसकी जाति का हवाला देते हुए जातिवादी गालियाँ भी दीं. इय्यासामी ने आगे कहा कि अगर इय्यासामी वहाँ से भागकर घर नहीं पहुँचता, तो गिरोह उसे मार देता.
जब परिवार के सदस्य इय्यासामी को अस्पताल ले गए, तो ऊँची जाति के हिंदुओं ने दलित परिवार के घर में तोड़फोड़ की और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. इय्यासामी ने कहा कि गांव में जातिगत भेदभाव लंबे समय से प्रचलित है और उन्होंने परिवार के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की. इय्यासामी के पिता बूमीनाथन ने कहा कि जाति के ऊँची हिंदू इस बात से खुश नहीं थे कि वह इलाके में ‘बुलेट’ बाइक चला रहा था.
आपको बता दें, यह घटना तमिलनाडु में जातिगत भेदभाव की एक और दुखद मिसाल है. इस घटना से पता चलता है कि जातिगत भेदभाव अभी भी हमारे समाज में व्याप्त है और हमें इसे खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए.