Tamil Nadu news: हाल ही में चेन्नई के थूथुकुडी से चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक निजी स्वास्थ्य शिक्षा संस्थान में एक छात्र के साथ कथित तौर पर भेदभाव किए जाने के बाद, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के निदेशक एस रविवर्मन ने मंगलवार को कोविलपट्टी में पीड़िता से मुलाकात की और मामले की जांच के आदेश दिए। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
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जानें क्या है पूरा मामला ?
बीते दिन चेन्नई के थूथुकुडी से हैरान करने वाला मामला सामने आया जहाँ एक निजी स्वास्थ्य शिक्षा संस्थान में कथित तौर पर एक छात्रा के साथ भेदभाव किया गया। दरअसल, तेनकासी के नयिनमपट्टी की रहने वाली माला विनोदिनी डॉ. शिवकुमार द्वारा कोविलपट्टी में संचालित स्वास्थ्य शिक्षा संस्थान में सहायक स्टाफ नर्सिंग का डिप्लोमा कोर्स कर रही थी। अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली विनोदिनी का 31 जनवरी को एक ओबीसी छात्र से झगड़ा हुआ था।
जहां कॉलेज स्टाफ ने एक दलित छात्रा को ओबीसी छात्र के सामने झुकने के लिए मजबूर किया। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के निदेशक ने पीड़िता से मुलाकात की और मामले की जांच के आदेश दिए। वही इस घटना के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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जातिसूचक गालियां दी गईं
जब यह मामला संस्थान की पर्यवेक्षक कृष्णप्रिया के संज्ञान में आया, तो उन्होंने विनोदिनी और दूसरे छात्र से पूछताछ की। कृष्णप्रिया ने कथित तौर पर छात्रों के सामने विनोदिनी पर हमला किया और उसे झुककर ओबीसी छात्र से माफी मांगने को कहा। कोविलपट्टी के डीएसपी जगनाथन के पास दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, कृष्णप्रिया ने विनोदिनी के खिलाफ कथित तौर पर जातिवादी गालियां भी दीं।
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कृष्णप्रिया के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की चार धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। जगन्नाथन ने कहा कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और जांच जारी है।