Tamilnadu news: तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में हुई एक हिंसक घटना ने राज्य में दलितों की सुरक्षा को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। यहां कुछ दबंगों ने मामूली विवाद के बाद दलितों पर जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना में कई दलित गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया। तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारें में बताते है।
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जानें क्या है पूरा मामला?
सरकार के इतने सख्त कानून के बावजूद देश में दलितों के खिलाफ हिंसा के हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं, एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, डिंडीगुल के रेड्डीयार्चत्रम में अनुसूचित जाति के पांच सदस्यों पर कथित हमले के सिलसिले में मंगलवार को एक प्रभावशाली समुदाय के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।
दरअसल, मुरुगेश्वरी और उनका परिवार मंगराई गांव में दिहाड़ी मजदूर हैं। वही 31 जनवरी को, मुरुगेश्वरी ने अपने घर के पास वाले आम रास्ते पर अपने परिसर के अंदर पेड़ों से एकत्र कुछ पत्ते और नारियल के छिलके गिरा दिए। जिसके बाद ही विवाद शुरू हो गया हालांकि, इलाके के एक प्रभावशाली समुदाय की सदस्य-सह-वित्तपोषक सुशीला (58) ने इस कृत्य पर आपत्ति जताई और जातिवादी गालियां दीं। उसने अपने दामाद सुरेश कुमार को सूचित किया, जिसने 15 अन्य लोगों के साथ घातक हथियारों के साथ मुरुगेश्वरी के घर में घुसकर परिवार पर हमला कर दिया, “रिश्तेदार एस तिरुपति ने कहा।
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दलितों की सुरक्षा का मुद्दा फिर गरमाया
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वही पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि इस घटना में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस जाँच में पता चला है कि पीड़ितों पर सार्वजनिक सड़क पर नारियल के छिलके फेंकने के आरोप में हमला किया गया था। इस मामले में सुशीला, सुरेश कुमार, कार्तिक कुमार और रमेश के रूप में पहचाने गए आरोपियों पर एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें , इस घटना ने तमिलनाडु में दलितों की सुरक्षा का मुद्दा फिर से गरमा दिया है। दलित संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि राज्य में दलितों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।