Uttar Pradesh: दलित लड़की से छेड़छाड़, हिंसक झड़प में खौलता तेल फेंका गया

Muzaffarnagar, Dalit Girl Molest
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Muzaffarnagar news: हाल ही में उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर से दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है जहाँ दलित नाबालिग से छेड़छाड़ के बाद एक गंभीर विवाद हुआ जिसमें ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे चले। पीड़िता पर खौलता हुआ तेल भी फेंका गया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।

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जानें क्या है पूरा मामला?

बीते शनिवार उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर से चौकाने वाली खबर सामने आई है जहाँ 2 नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की गयी थी। इस घटना के बाद विवाद इतना बड़ा हो गया कि इसने हिंसक रूप ले लिया जिसमें ईंट, पत्थर और लाठियों का इस्तेमाल किया गया। पीड़िता पर खौलता हुआ तेल भी फेंका गया। दरअसल मिली जानकरी के अनुसार, दूसरे समुदाय के दो युवकों मोनिस और आरिश ने घर के बाहर रैकेट खेल रही नाबालिग दलित लड़की से छेड़छाड़ की। लड़की किसी तरह बचकर अपने घर पहुंची और पूरी घटना अपने परिजनों को बताई।

जब पीड़िता और उसका परिवार पास में ही स्थित आरोपी युवकों की हलवा पराठा की दुकान पर पहुंचे तो आरोपियों ने अपने परिवार के साथ मिलकर पीड़िता और उसके परिवार पर गर्म तेल डाल दिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से लाठी-डंडे चले और पथराव भी हुआ। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने मौके पर स्थनीय थाने जाकर आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।

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बीएनएस की धारा तहत मामला दर्ज

बताया जा रहा है कि यह घटना 20 मार्च की है, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने तुरंत आरोपी मोनिश, आरिश, शहजाद, वसीम, सलमान, समीर, परवेज, आशु उर्फ ​​बहल, कासिम, नाजिम व एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता बीएनएस 2023 की धारा 191(2), 191(3), 190, 125, 74, 115(2), 352, 351(3), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 3 व 4, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (महिलाओं पर अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 संशोधन 2015 की धारा 3(1)(डी) व 3(1)(डी) के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।

लेकिन शनिवार को इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तुरंत इस घटना में एक नामजद युवक को गिरफ्तार कर लिया है तथा शेष की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए हैं।आपको बता दें, ऐसे मामलों में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराध से संबंधित POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाता है। साथ ही, अगर अपराध जातिगत भेदभाव के कारण हुआ है तो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है।

 

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