Top 5 anti-Dalit riots: कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में भारत में कई जातीय हिंसा की घटनाएँ हुई हैं, जिनमें दलित समुदाय को निशाना बनाया गया। हालांकि, इन घटनाओं में से कुछ कांग्रेस सरकारों के दौरान हुईं, वहीं कुछ बाद में भी हुईं। तो चलिए अओकी इस लेख में उन पांच प्रमुख घटनाओं के बारे में बताते हैं।
कांग्रेस शासन के दौरान हुए दलित विरोधी दंगे
1. 1989 भागलपुर दंगे (Bihar)
भागलपुर में 1989 में सांप्रदायिक दंगे हुए, जिसमें पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण दलित समुदाय के लोग प्रभावित हुए। बिहार में उस समय कांग्रेस की सरकार थी, और जांच आयोग ने प्रशासन की विफलता को जिम्मेदार ठहराया।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार लगभग 1,000 से अधिक लोग मारे गए, हालांकि असली संख्या इससे कहीं ज़्यादा मानी जाती है। इस दंगे की जाँच के लिए कई आयोग बनाए गए, लेकिन बहुत से पीड़ितों को अब भी न्याय का इंतज़ार है। कई मानवाधिकार संगठनों ने इसकी निष्पक्ष जाँच और पुनर्वास की मांग की।
2. 1957 रामनाथपुरम (Mudukulathur) दंगे (Tamil Nadu)
1957 में तमिलनाडु के रामनाथ जिले में दलितों और सवर्णों के बीच हिंसा हुई, जिसमें कम से कम 42 दलितों की हत्या हुई। यह घटना कांग्रेस सरकार के दौरान हुई थी। 1957 में मद्रास विधानसभा चुनावों के बाद, रामनाथपुरम क्षेत्र में एक उपचुनाव हुआ। इस उपचुनाव में, कांग्रेस पार्टी के समर्थक दलित पलार समुदाय और फॉरवर्ड ब्लॉक के समर्थक मरावर समुदाय के बीच तनाव बढ़ गया। यह तनाव जातीय और राजनीतिक मतभेदों के कारण था।
3. 1985 गुजरात दंगे (Gujarat)
गुजरात में 1985 में उच्च जातियों द्वारा दलितों के खिलाफ हिंसा की घटनाएँ हुईं। कांग्रेस की सरकार के दौरान इन घटनाओं को नियंत्रित करने में प्रशासन की विफलता देखी गई। इसका तात्कालिक कारण जनवरी 1985 में गुजरात सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में “पिछड़े” वर्गों के लिए आरक्षित कोटा 10% से बढ़ाकर 28% करने का निर्णय था। मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी के इस कदम का उद्देश्य आगामी राज्य चुनावों से पहले निचली जाति समूहों के बीच समर्थन को मजबूत करना था।
4. 1987 वन्नियार आरक्षण आंदोलन (Tamil Nadu)
तमिलनाडु में 1987 में वन्नियार समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन हुआ, जिसके दौरान दलित बस्तियों पर हमले किए गए और 21 लोग मारे गए। यह घटना कांग्रेस सरकार के बाद की थी, लेकिन प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
5. 2013 मुरादाबाद दंगे (Uttar Pradesh)
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 2013 में सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें दलित समुदाय के लोग प्रभावित हुए। हालांकि यह घटना कांग्रेस सरकार के बाद की थी, लेकिन प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठे।