क्या कहती है BNS की धारा 106,जानें महत्वपूर्ण बातें

BNS Section 106, BNS Section 106 in Hindi
Source: Google

BNS Section 106 in Hindi: भारतीय न्यायिक संहिता (BNS) धारा 106, लापरवाही से हुई मौत के मामले से संबंधित है। यह किसी भी लापरवाहीपूर्ण कार्य के लिए सज़ा का प्रावधान करती है, जिससे किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, जो गैर इरादतन हत्या के बराबर नहीं है। तो चलिए जानते  हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

Also Read: क्या कहती है BNS की धारा 103,जानें महत्वपूर्ण बातें

धारा 106 क्या कहती है? BNS Section 106 in Hindi

भारतीय न्यायिक संहिता बीएनएस (BNS) की धारा 106 लापरवाही से हुई मौत से संबंधित है। यह धारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 ए की जगह लेती है, लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।

लापरवाही से मौत का कारण बनना (106(1)): यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति की किसी लापरवाही या जल्दबाजी में की गई ऐसी हरकत से मौत का कारण बनता है जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आती है, तो उसे सात साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है। यह प्रावधान आईपीसी की धारा 304ए के समान है, जिसमें लापरवाही से मौत का कारण बनने पर अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है।

हिट एंड रन के मामले में (106(2)): यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति की किसी लापरवाही या जल्दबाजी में की गई ऐसी हरकत से मौत का कारण बनता है जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आती है और घटना के तुरंत बाद मौके से भाग जाता है या घटना की सूचना पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को नहीं देता है, तो उसे दस साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है। यह बीएनएस में जोड़ा गया एक नया प्रावधान है। इसका उद्देश्य हिट एंड रन की घटनाओं को रोकना और ऐसे मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाना है।

Also Read: क्या कहती है BNS की धारा 102,जानें महत्वपूर्ण बातें

बीएनएस धारा 106 के उदाहरण

बीएनएस धारा (BNS Section) 106 के कुछ उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं कि…उदाहरण 1 – एक डॉक्टर किसी मरीज पर गलत ऑपरेशन करता है, जिसके परिणामस्वरूप मरीज की मौत हो जाती है। यहां डॉक्टर पर बीएनएस की धारा 106(1) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है क्योंकि मौत डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई है।

उदाहरण 2 – एक चालक लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए एक साइकिल सवार को टक्कर मारता है, जिससे साइकिल सवार की मौके पर ही मौत हो जाती है। चालक तुरंत वाहन रोकता है, शव को देखता है, लेकिन पुलिस को सूचित किए बिना डर ​​के मारे घटनास्थल से भाग जाता है। इस मामले में, बीएनएस की धारा 106(2) चालक पर लागू होगी।

उदाहरण 3 – एक ट्रक चालक घनी आबादी वाले इलाके में तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चलाता है और एक बच्चे को टक्कर मार देता है, जिससे उसकी मौत हो जाती है। चालक कुछ देर के लिए रुकता है, लेकिन भीड़ से डर जाता है और बिना किसी को बताए निकल जाता है। इस मामले में चालक पर धारा 106(2) के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

जानिए बीएनएस धारा 106 सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 106 के तहत मिलाने वाली सजा कुछ इस तरह है कि…बीएनएस धारा 106 लापरवाही के कारण हुई मृत्यु के मामलों में सजा को बढ़ाती है, विशेष रूप से हिट-एंड-रन मामलों में, तथा इसमें चिकित्सा लापरवाही के लिए भी विशिष्ट प्रावधान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *