क्या कहती है BNS की धारा 11, जानें महत्वपूर्ण बातें

बीएनएस धारा 11, Bns section 11 in hindi
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BNS Section 11 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता (BNS) भारत की आधिकारिक आपराधिक संहिता है. यह भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), और साक्ष्य अधिनियम को बदलकर लागू की गई है. यह 1 जुलाई, 2024 से लागू हुई हैं . लेकीन क्या आप बीएनएस की धारा 11  के बारें में जानते है. अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं. बीएनएस की धारा 11 विशेष रूप से एकान्त कारावास से संबंधित है। एकान्त कारावास का मतलब है कि किसी अपराधी को अन्य कैदियों से अलग एक कमरे में रखा जाता है।

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बीएनएस की धारा 11 एक संक्षिप्त विवरण

भारतीय कानून में कई धारा लिखी गयी हैं, उसी में से एक धारा 11 भी हैं, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 11, कठोर कारावास की सज़ा के हिस्से के रूप में एकांत कारावास लगाने से जुड़ी है. इस धारा के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को किसी ऐसे अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है, जिसके लिए उसे कठोर कारावास की सज़ा हो सकती है, तो न्यायालय एकांत कारावास की सज़ा भी दे सकता है. एकांत कारावास की अवधि, कारावास की अवधि पर निर्भर करती है और इसकी अधिकतम सीमा तीन महीने है.

  • एकान्त कारावास: इस धारा के तहत किसी अपराधी को एकान्त कारावास की सजा दी जा सकती है।
  • अधिकतम अवधि: एकान्त कारावास की अवधि कारावास की कुल अवधि पर निर्भर करती है।
  • उद्देश्य: एकान्त कारावास का उद्देश्य अपराधी को सुधारना और उसे अन्य कैदियों से बचाना हो सकता है।

धारा 11 एकान्त कारावास

बीएनएस धारा 11 न्यायालय को कठोर कारावास की सजा पाए अपराधी पर एकांत कारावास लगाने की अनुमति देती है। एकांत कारावास कारावास की कुल अवधि के आधार पर सीमित है। एकांत कारावास की अधिकतम अवधि तीन महीने है, जो कारावास की अवधि के आधार पर अलग-अलग होती है:

  • एक माह से लेकर छह माह तक का कारावास।
  • छह माह से एक वर्ष तक के कारावास के लिए दो माह का दंड।
  • एक वर्ष से अधिक कारावास के लिए तीन माह।

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भारतीय न्याय संहिता से जुड़ी कुछ खास बातें

भारतीय न्याय संहिता में धाराओं की संख्या 511 से घटाकर 358 कर दी गई है.

इसमें 20 नए अपराध जोड़े गए हैं.

कई अपराधों में न्यूनतम सज़ा का प्रावधान है.

इसने औपनिवेशिक जड़ों वाले पुराने कानूनों को हटाया है.

इसने अपराधों से जुड़े प्रावधानों को मज़बूत किया है और उनमें संशोधन किए हैं.

इसने राजद्रोह कानून को निरस्त कर दिया है.

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