क्या कहती है BNS की धारा 13, जानें महत्वपूर्ण बातें

बीएनएस धारा 13, bns section 13 In hindi
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BNS Section 13 in Hindi:  भारतीय कानून के तहत बीएनएस (BNS) की धारा यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 13 उन अपराधों के लिए बढ़ी हुई सजा का प्रावधान करती है, जिन्हें व्यक्ति पहले भी कर चुका हो। सरल शब्दों में अगर कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए पहले से ही सजायाफ्ता है और फिर से उसी तरह का अपराध करता है, तो उसे पहली बार की तुलना में अधिक सख्त सजा हो सकती है। तो चलिए इस लेख में धारा 13 के संक्षिप्त विवरण के बारें में जानते हैं

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बीएनएस की धारा 13 एक संक्षिप्त विवरण

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 13, उन लोगों के लिए ज़्यादा सज़ा का प्रावधान करती है जो पहले भी इसी तरह के अपराधों में दोषी ठहराए जा चुके हैं और फिर कोई गंभीर अपराध करते हैं. इस धारा के तहत, ऐसे अपराधियों को लंबी जेल हो सकती है या अतिरिक्त सज़ा हो सकती हैबार-बार अपराध करने वालों को सज़ा देकर, आगे के अपराधों को रोकने और न्याय सुनिश्चित करने की कोशिश की जाती हैवही बीएनएस की धारा 13 के तहत, अगर कोई व्यक्ति पहले से ही किसी गंभीर अपराध के लिए दोषी ठहराया जा चुका है, तो वह किसी दूसरे ऐसे अपराध में दोषी पाए जाने पर ज़्यादा सज़ा का सामना कर सकता हैइसके तहत, उसे आजीवन कारावास या दस साल तक की जेल हो सकती है यह धारा कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने और अपराधियों को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह इस बात का संदेश देती है कि अपराध के लिए कीमत चुकानी होगी और दोबारा अपराध करने पर सजा और भी कड़ी होगी।

धारा 13 का उद्देश्य

महत्वपूर्ण बातें

  • समान अवधि के कारावास वाले अपराध: यह धारा उन अपराधों पर लागू होती है जिनके लिए पहले भी समान अवधि का कारावास दिया गया हो।
  • बढ़ी हुई सजा: दोबारा अपराध करने पर आजीवन कारावास या अधिकतम 10 साल तक बढ़ाया जा सकने वाला कारावास हो सकता है।
  • अन्य धाराओं के साथ संबंध: धारा 13 अन्य धाराओं के साथ मिलकर काम करती है और सजा की अवधि को प्रभावित करती है।

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