क्या कहती है BNS की धारा 21, जानें महत्वपूर्ण बातें

Bns section, Bns section 21 in hindi
Source: Google

BNS Section 21 in Hindi:  बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) एक व्यापक कानूनी दस्तावेज है और इसकी विभिन्न धाराएं अलग-अलग अपराधों और उनके दंडों को परिभाषित करती हैं। लेकिन क्या आप जानते है। बीएनएस (BNS)  की धारा 21 क्या कहती है, अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं.. धारा 21 के तहत सात वर्ष से अधिक और बारह वर्ष से कम आयु के बच्चे द्वारा किया गया कोई भी काम अपराध नहीं है, जिसने उस अवसर पर अपने आचरण की प्रकृति और परिणामों का न्याय करने के लिए समझ की पर्याप्त परिपक्वता प्राप्त नहीं की है।

बीएनएस की धारा 21 एक संक्षिप्त विवरण

भारतीय संविधान में कई नियाम और कानून हैं। वही भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस )की धारा 21 यह बताती है कि की धारा 21 के मुताबिक, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 21 के मुताबिक, सात साल से ज़्यादा और 12 साल से कम उम्र के बच्चे द्वारा किया गया कोई भी काम अपराध नहीं माना जाएगा 

  • अगर बच्चे को यह जानकारी नहीं होगी कि उसने कोई अपराध किया है. 
  • अगर बच्चे में अपने आचरण की प्रकृति और परिणामों को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्वता नहीं होगी. 
  • अगर बच्चे ने समझ की पर्याप्त परिपक्वता हासिल नहीं की है, ताकि उस पर अपराध का न्याय किया जा सके. 
इस प्रावधान का मकसद अपरिपक्व समझ वाले बच्चों को आपराधिक ज़िम्मेदारी से बचाना है. हालांकि, अगर बच्चे को पता है कि वह अपराध कर रहा है, तो उसका काम क्षमा योग्य नहीं होगा. वही  बीएनएस धारा 21 सात से बारह वर्ष की आयु के बच्चों को आपराधिक दायित्व से प्रतिरक्षा प्रदान करती है, बशर्ते कि उनमें अपने कार्यों के परिणामों को समझने की परिपक्वता न हो। यह प्रावधान अपरिपक्व समझ वाले बच्चों को उन कार्यों के लिए दंडित होने से बचाने के लिए बनाया गया है जिन्हें वे पूरी तरह से समझ नहीं सकते हैं।

धारा 21 का उद्देश्य – BNS Section 21 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita ),2023 के तहत धारा 21 का उद्देश्य कुछ इस तरह से है कि दस साल का बच्चा बिना पैसे चुकाए किसी दुकान से कोई वस्तु ले लेता है। बीएनएस धारा 21 के तहत, अगर यह साबित हो जाता है कि बच्चे में चोरी के परिणामों को समझने की परिपक्वता नहीं है, तो उनके कृत्य को अपराध नहीं माना जाएगा।

Also Read: क्या कहती है BNS की धारा 18, जानें महत्वपूर्ण बातें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *