क्या कहती है BNS की धारा 24, जानें महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 24 in Hindi:  बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) एक व्यापक कानूनी दस्तावेज है और इसकी विभिन्न धाराएं अलग-अलग अपराधों और उनके दंडों को परिभाषित करती हैं। लेकिन क्या आप जानते है। बीएनएस (BNS)  की धारा 24  क्या कहती है, अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं..  बीएनएस (BNS) की धारा 24 भारतीय न्याय संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो नशे की हालत में किए गए अपराधों से संबंधित है। यह धारा स्पष्ट करती है कि सामान्यतया, नशे की हालत में किया गया कोई कार्य तब तक अपराध नहीं माना जाएगा जब तक कि वह व्यक्ति जानबूझकर उस अवस्था में न गया हो।

धारा 24 क्या कहती है?

BNS की धारा 24 भारतीय न्याय संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, वही धारा 24 यह कहती है कि नशे में धुत्त व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध जिसके लिए किसी विशेष इरादे या ज्ञान की आवश्यकता होती है. ऐसे मामलों में जहां किया गया कोई कार्य तब तक अपराध नहीं होता जब तक कि वह किसी विशेष ज्ञान या इरादे से न किया गया हो, नशे की हालत में कार्य करने वाले व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा जैसे कि उसके पास वही ज्ञान हो जो उसे होता.  यदि वह नशे में नहीं था, जब तक कि जिस चीज़ से उसे नशा हुआ था वह उसे उसकी जानकारी के बिना या उसकी इच्छा के विरुद्ध नहीं दी गई थी.

धारा 24 का उद्देश्य – BNS Section 24 in Hindi

नशा और अपराध: यदि कोई व्यक्ति नशे की हालत में कोई अपराध करता है, तो उसे इस बात का प्रमाण देना होगा कि वह नशे की हालत में था और वह इस बात से अनजान था कि वह क्या कर रहा है।

स्वेच्छा से नशा: यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से कोई नशीला पदार्थ लेता है और फिर कोई अपराध करता है, तो वह इस धारा के तहत बचाव का दावा नहीं कर सकता।

नशे का प्रभाव: धारा 24 यह भी स्पष्ट करती है कि यदि किसी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा जबरदस्ती नशा पिलाया जाता है, तो वह व्यक्ति इस धारा के तहत बचाव का दावा कर सकता है।

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