क्या कहती है BNS की धारा 35, जानें महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 35 in Hindi: बीएनएस (भारतीय न्यायिक संहिता) एक व्यापक कानूनी दस्तावेज है और इसकी विभिन्न धाराएं अलग-अलग अपराधों और उनकी सजा को परिभाषित करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 35 क्या कहती है, अगर नहीं तो चलिए आप्बीकोप इस लख में बताते है। बीएनएस की धारा 35 इस संहिता का एक महत्वपूर्ण भाग है जो व्यक्ति को अपनी रक्षा करने का अधिकार देता है।

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धारा 35  क्या कहती है? BNS Section 35 in Hindi

बीएनएस की धारा 35 भारतीय न्याय संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है. यह धारा किसी व्यक्ति को यह अधिकार देती है कि वह अपनी सुरक्षा करे – यदि किसी व्यक्ति को जान से मारने या गंभीर चोट पहुंचाने का खतरा हो, तो वह अपनी रक्षा के लिए उचित कदम उठा सकता है। वही दूसरों की सुरक्षा करे – यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति पर हमला कर रहा हो, तो आप उस व्यक्ति को बचाने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं। वही यह धारा व्यक्ति को सुरक्षा की भावना प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करती है कि कोई व्यक्ति अपनी रक्षा करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य न हो।

इसके अलवा अपनी संपत्ति की सुरक्षा करे – यदि कोई व्यक्ति आपकी संपत्ति को चोरी करने या नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा हो, तो आप अपनी संपत्ति को बचाने के लिए उचित कदम उठा सकते हैं।

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धारा 35 का महत्व और उद्देश्य 

धारा 35 का महत्व उचित बल का प्रयोग – यह धारा आपको अत्यधिक बल प्रयोग करने की अनुमति नहीं देती है। आप केवल उतना ही बल प्रयोग कर सकते हैं जितना कि आपकी सुरक्षा के लिए आवश्यक हो। आत्मरक्षा का अधिकार: यह धारा आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता देती है। कानून के शासन का पालन – हालांकि आपको अपनी रक्षा करने का अधिकार है, लेकिन आपको कानून का पालन करना होगा।

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