क्या कहती है BNS की धारा 48, जानें महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 48 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता, 2023 की, धारा 48 उन स्थितियों को संबोधित करती है, जहां भारत के बाहर का कोई व्यक्ति भारत में अपराध करने में सहायता करता है या उसे बढ़ावा देता है। कानून इस उकसावे को अपराध मानता है, भले ही उकसावे का कार्य भारतीय सीमाओं के बाहर हुआ हो। किसी को अपराध करने के लिए उकसाना या मदद करना अपराध कहलाता है। तो चलिए आपको इस लेख में (बीएनएस) की धारा 48  के बारें में विस्तार से बताते है।

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धारा 48 क्या कहती है? BNS Section 48 in Hindi

भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 48 भारत के बाहर के किसी व्यक्ति द्वारा भारत में अपराध करने के लिए उकसाने से संबंधित है। इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर के किसी व्यक्ति को भारत में अपराध करने के लिए उकसाता है, तो उसे अपराध माना जाएगा।

बीएनएस की धारा 48 के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:

बीएनएस की धारा 48 के तहत, भारत के बाहर के किसी व्यक्ति द्वारा भारत में अपराध करने के लिए उकसाना दंडनीय माना जाता है। वही यदि कोई व्यक्ति भारत में किसी व्यक्ति को अपराध करने के लिए उकसाता है, तो उकसाने वाला व्यक्ति अपराध का दोषी होगा।

उदाहरण के लिए, यदि देश X का कोई व्यक्ति भारत में किसी व्यक्ति को हत्या करने के लिए उकसाता है, तो वह हत्या के लिए उकसाने का दोषी होगा।

बीएनएस की धारा 47 और 48 की शुरूआत ने बीएनएस की अंतर्राष्ट्रीय पहुंच में महत्वपूर्ण बदलाव लाया है।

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बीएनएस धारा 48 उदाहरण

बीएनएस धारा 48 के अनुसार, भारत से बाहर रहने वाला कोई व्यक्ति भारत में अपराध के लिए उकसाने का दोषी पाया जा सकता है, यदि वह भारत में किसी ऐसे कार्य को करने के लिए उकसाता है या सहायता करता है, जिसे वहां किए जाने पर अपराध माना जाएगा। वही बीएनएस धारा 48 के तहत उकसाने का एक उदाहरण भी है जैसे…यदि देश X में रहने वाला व्यक्ति A, व्यक्ति B को भारत में हत्या करने के लिए उकसाता है, तो व्यक्ति A, बीएनएस धारा 48 के तहत हत्या के लिए उकसाने का दोषी है।

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