BNS Section 58 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) की धारा 58 गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को 24 घंटे से अधिक हिरासत में रखने से संबंधित है। तो चलिए आपको इस लेख में (बीएनएस) की धारा 58 के बारें में विस्तार से बताते है।
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धारा 58 क्या कहती है? BNS Section 58 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 58 यह कहती है कि, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) की धारा 58 के तहत, मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने की योजना को छिपाने या झूठ बोलने पर दंडित किया जाता है। यह धारा, जान-बूझकर अधिकारियों को गुमराह करने या अहम जानकारी छिपाने पर भी लागू होती है।
धारा 58 के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:
बीएनएस (BNS) की धारा 58 के अनुसार, पुलिस किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने के बाद उसे 24 घंटे के भीतर निकटतम मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होगा। वही बीएनएस (BNS) 58 के मुताबिक यदि कोई 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखने के लिए, पुलिस को मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी। इसके अलवा यदि कोई पुलिस अधिकारी इस धारा का उल्लंघन करता है, तो उसे अवैध हिरासत के लिए दोषी ठहराया जा सकता है।
अगर अपराध होता है, तो योजना को छिपाने वाले व्यक्ति को सात साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
अगर अपराध नहीं होता, तो व्यक्ति को तीन साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
बीएनएस धारा 58 उदाहरण
इस धारा के तहत अपराध के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं…अगर कोई व्यक्ति जानता है कि किसी जगह पर डकैती होने वाली है, तो और किसी जगह पर डकैती होने की झूठी सूचना देकर मजिस्ट्रेट को गुमराह करता है, तो वह इस धारा के तहत दंडनीय है।
जो कोई, मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को सुगम बनाने का आशय रखते हुए या यह जानते हुए कि वह मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को सुगम बनाएगा, स्वेच्छा से कोई कार्य करेगा या अवैध लोप करेगा, या एन्क्रिप्शन का उपयोग करेगा या सूचना को छिपाने के किसी अन्य साधन का उपयोग करेगा।