BNS Section 59 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) की धारा 59 उन लोक सेवकों से जुड़ी है जो जान-बूझकर किसी अपराध की योजना को छिपाते हैं। यह धारा, उन अपराधों से जुड़ी है जिन्हें रोकना इन लोक सेवकों का कर्तव्य है। तो चलिए आपको इस लेख में (बीएनएस) की धारा 58 के बारें में विस्तार से बताते है।
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धारा 59क्या कहती है? BNS Section 59 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 59 के तहत उस स्थिति को संबोधित करती है जब कोई लोक सेवक जानबूझकर किसी अपराध को करने की योजना को छुपाता है जिसे रोकना उसका कर्तव्य है। यह धारा दंडों की रूपरेखा बताती है यदि अपराध किया जाता है, यदि यह मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय है, या यदि अपराध नहीं किया जाता है।
धारा 58 के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:
बीएनएस (BNS) की धारा 59 के अनुसार, अगर अपराध किया गया है, तो लोक सेवक को अपराध के लिए तय अधिकतम अवधि के आधे तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है। दूसरी और अगर छिपे हुए अपराध के लिए मृत्यु या आजीवन कारावास की सज़ा हो सकती है, तो लोक सेवक को 10 साल तक की जेल हो सकती है। वही अगर अपराध नहीं किया गया है, तो लोक सेवक को अपराध के लिए तय अधिकतम अवधि के एक-चौथाई तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
इसके अलवा इस धारा के तहत, अपराध करने की योजना छिपाने के लिए, लोक सेवक को गंभीर दंड का सामना करना पड़ सकता है। इस धारा के तहत जमानत की योग्यता, अपराध की प्रकृति पर निर्भर करती है।
बीएनएस धारा 59 महत्व
(क) यदि अपराध किया गया है, तो उस अपराध के लिए उपबंधित किसी भी प्रकार के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की सबसे लम्बी अवधि के आधे तक हो सकेगी, या उस अपराध के लिए उपबंधित जुर्माने से, या दोनों से; या
(ख) यदि अपराध मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय है, तो उस अवधि के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक हो सकेगी; या
(ग) यदि अपराध नहीं किया गया है, तो उस अपराध के लिए उपबंधित किसी भी प्रकार के कारावास से, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की सबसे लम्बी अवधि के एक चौथाई तक हो सकेगी, या उस अपराध के लिए उपबंधित जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।