BNS Section 80 in Hindi: भारतीय न्यायिक संहिता (बीएनएस) की धारा 80 दहेज हत्या से संबंधित है। यह धारा उन मामलों को परिभाषित करती है जिनमें महिला की मृत्यु को दहेज हत्या माना जाता है और इसके लिए सज़ा निर्धारित करती है। तो चलिए आपको इस लेख में BNS की धारा 80 के बारे में विस्तार से बताते है।
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धारा 80 क्या कहती है? BNS Section 80 in Hindi
भारतीय न्यायिक संहिता बीएनएस (BNS) की धारा 80 के अनुसार, यदि किसी महिला की मृत्यु उसके विवाह के सात वर्ष के भीतर जलने या शारीरिक चोट के कारण होती है, और यह दर्शाया जाता है कि उसकी मृत्यु से ठीक पहले दहेज की मांग के संबंध में उसके पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा उसके साथ क्रूरता या उत्पीड़न किया गया था, तो ऐसी मृत्यु को दहेज मृत्यु माना जाएगा।
बीएनएस (BNS) धारा 80 की महत्वपूर्ण बाते
- यह धारा तब लागू होती है जब किसी महिला की मृत्यु जलने या शारीरिक चोटों के कारण या ऐसी परिस्थितियों में होती है जो सामान्य नहीं हैं।
- यह मृत्यु उसके विवाह के सात वर्ष के भीतर होनी चाहिए।
- यह भी दिखाया जाना चाहिए कि उसकी मृत्यु से ठीक पहले उसे दहेज की मांग के सिलसिले में उसके पति या उसके किसी रिश्तेदार द्वारा परेशान या प्रताड़ित किया गया था।
- यह धारा IPC की धारा 304B (दहेज हत्या) के स्थान पर लागू की गई है।
- इस धारा के तहत दहेज की मांग या क्रूरता के कारण हुई मृत्यु को दहेज मृत्यु माना जाता है।
- यह धारा महिलाओं को दहेज संबंधी दुर्व्यवहार से बचाने के लिए बनाई गई है।
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बीएनएस धारा 80 के उदाहरण
उदाहरण 1 – एक महिला की शादी को 5 साल हो चुके हैं। उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए लगातार परेशान करते हैं। एक दिन, महिला रसोई में आग लगने से मर जाती है। जांच से पता चलता है कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि दहेज के लिए की गई हत्या थी। इस मामले में, महिला के पति और ससुराल वालों पर बीएनएस की धारा 80 के तहत दहेज हत्या का आरोप लगाया जा सकता है।
उदाहरण 2 – एक महिला की शादी को 2 साल हो चुके हैं। उसके पति और ससुराल वाले उसे दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करते हैं। एक दिन, महिला अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेती है। जांच से पता चलता है कि महिला ने दहेज के दबाव में आत्महत्या की। इस मामले में, महिला के पति और ससुराल वालों पर बीएनएस की धारा 80 के तहत दहेज हत्या का आरोप लगाया जा सकता है।
जानिए बीएनएस धारा 79 सजा का प्रावधान
बीएनएस धारा 79 के तहत मिलाने वाली सजा कुछ इस तरह से है कि दहेज हत्या एक गंभीर अपराध है और दोषियों को कठोर कारावास की सजा हो सकती है। वही भारतीय न्याय संहिता की धारा 80 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति दहेज हत्या के अपराध में दोषी पाया जाता है, तो उसे धारा 80 की उपधारा 2 के अंतर्गत दण्डित किया जाता है। जिसमें उसे किये गये अपराध की गम्भीरता के आधार पर न्यूनतम 7 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक के कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।