क्या कहती है BNS की धारा 88,जानें महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 88 in Hindi: भारतीय न्यायिक संहिता (बीएनएस) की धारा 88 गर्भपात के अपराध से संबंधित है। यह धारा उन परिस्थितियों को परिभाषित करती है जिनके तहत गर्भपात गैरकानूनी है, और उन अपराधों के लिए दंड निर्धारित करती है। तो चलिए जानते  हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 88 क्या कहती है? BNS Section 88 in Hindi

भारतीय न्यायिक संहिता बीएनएस (BNS) की धारा 87 में कहा गया है कि, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी गर्भवती महिला का गर्भपात कराता है, और ऐसा गर्भपात महिला के जीवन को बचाने के लिए सद्भावनापूर्वक नहीं किया जाता है, तो उसे दंडित किया जाएगा।

भारतीय न्याय संहिता 2023 गर्भपात से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए कड़े उपाय प्रदान करती है, जिससे गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। धारा 88 से 92 गर्भपात कराने, गर्भवती महिला को नुकसान पहुँचाने या बच्चे को जीवित पैदा होने से रोकने के गंभीर परिणामों पर प्रकाश डालती है। इन प्रावधानों का उद्देश्य न्याय को बनाए रखना और महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा करना है।

बीएनएस (BNS) धारा 88 की महत्वपूर्ण बाते

  • इस धारा के तहत अपराध का मुख्य तत्व महिला द्वारा जानबूझकर गर्भपात करवाना है। इसका मतलब है कि गर्भपात जानबूझकर किया गया है।
  •  महिला की सहमति से किया गया गर्भपात भी अपराध माना जा सकता है, जब तक कि यह वैध चिकित्सा कारण से न किया गया हो।
  •  गर्भावस्था का चरण सज़ा की गंभीरता को प्रभावित करता है। बाद के चरणों में किए गए गर्भपात के लिए शुरुआती चरणों में किए गए गर्भपात की तुलना में अधिक सज़ा दी जाती है।
  • अगर गर्भपात महिला की जान बचाने के लिए किया जाता है, तो इसे अपराध नहीं माना जाता है।

बीएनएस धारा 88 के उदाहरण

उदाहरण 1- एक महिला, जो गर्भवती है, अपने गर्भ को समाप्त करने के लिए अवैध गर्भपात करवाती है। यह बीएनएस की धारा 88 के तहत अपराध है, भले ही उसने अपनी सहमति से गर्भपात करवाया हो।

उदाहरण 2 एक डॉक्टर, जो जानता है कि एक महिला गर्भवती है, उसे गर्भपात की गोलियाँ देता है, भले ही महिला ने उसे ऐसा करने के लिए कहा हो। यदि यह गर्भपात किसी वैध चिकित्सा कारण से नहीं किया गया है, तो डॉक्टर और महिला दोनों ने बीएनएस की धारा 88 के तहत अपराध किया है।

जानिए बीएनएस धारा 88 सजा का प्रावधान

बीएनएस धारा 88 के तहत सजा मिलने वाली सजा कुछ इस प्रकार से है कि यदि गर्भपात गर्भावस्था के आरंभ में किया जाता है, तो अपराधी को तीन वर्ष तक के कारावास, जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। इसके अलवा यदि गर्भपात गर्भावस्था के बाद में किया जाता है, तो अपराधी को सात वर्ष तक के कारावास और जुर्माना से दंडित किया जा सकता है।

बता दें, बीएनएस की धारा 88 के अनुसार गर्भपात का यह अपराध असंज्ञेय और जमानती माना जाता है। इसका मतलब यह है कि इस अपराध के मामले में पुलिस बिना कोर्ट के आदेश के गिरफ्तारी नहीं कर सकती और आरोपी को जमानत मिल सकती है।

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