क्या कहती है BNS की धारा 95,जानें महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 95 in Hindi: भारतीय न्यायिक संहिता (बीएनएस) धारा 95, बच्चों के खिलाफ अपराधों से संबंधित है। यह धारा किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी बच्चे को काम पर रखना, नियोजित करना या किसी अपराध के लिए उसे शामिल करना अपराध बनाती है। तो चलिए जानते  हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 95 क्या कहती है? BNS Section 95 in Hindi

भारतीय न्यायिक संहिता बीएनएस (BNS) की धारा 95 के तहत जो कोई भी 18 वर्ष से कम आयु के किसी व्यक्ति को कोई अपराध करने के लिए काम पर रखता है, नियोजित करता है या उसके साथ जुड़ता है, उसे उस अपराध के लिए उसी तरह दंडित किया जाएगा जैसे कि उसने स्वयं यौन शोषण या पोर्नोग्राफी सहित कोई अपराध किया हो।

बीएनएस (BNS) धारा 95 की महत्वपूर्ण बाते

  • धारा 95 के तहत किसी बच्चे को काम पर रखना, नियोजित करना या किसी भी तरह से किसी अपराध में शामिल करना अपराध है।
  • इस धारा के तहत “बच्चा” शब्द का अर्थ 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी व्यक्ति है।
  • इस अपराध के लिए कम से कम तीन वर्ष से लेकर अधिकतम दस वर्ष तक की कैद की सज़ा है और जुर्माना भी देना होगा।
  • यदि किसी बच्चे को काम पर रखने, नियोजित करने या शामिल करने के परिणामस्वरूप कोई अपराध किया जाता है, तो उस व्यक्ति को भी उस अपराध के लिए दंडित किया जाएगा जैसे कि उसने खुद अपराध किया हो।
  • इस धारा के अर्थ में यौन शोषण या पोर्नोग्राफी के लिए बच्चे को काम पर रखना, नियोजित करना, संलग्न करना या उपयोग करना भी शामिल है।

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बीएनएस धारा 95 के उदाहरण

बीएनएस धारा 95 के कुछ उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं कि…उदाहरण 1 – रमेश 16 वर्षीय लड़के सोहन से चोरी करने के लिए कहता है और बदले में उसे पैसे देने का वादा करता है। रमेश ने बीएनएस की धारा 95 का उल्लंघन किया है क्योंकि उसने एक बच्चे को अपराध करने के लिए उकसाया और काम पर रखा।

उदाहरण 2 –  एक गिरोह का नेता अपने ड्रग व्यवसाय में कई 17 वर्षीय लड़कों को भर्ती करता है और उनका इस्तेमाल ड्रग्स बेचने के लिए करता है। गिरोह का नेता बीएनएस की धारा 95 के तहत उत्तरदायी होगा क्योंकि उसने बच्चों को अपराध में शामिल किया है।

जानिए बीएनएस धारा 95 सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 95 के तहत मिलाने वाली सजा कुछ इस तरह है क…इस अपराध के लिए न्यूनतम तीन वर्ष कारावास की सज़ा है, जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। कारावास के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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