Budget History: बजट शब्द का इतिहास: पहले शाम को होता था पेश, जानिए इसका उत्थान और विकास

Budget 2025, Budget History
Source: Google

Budget History: बजट का इतिहास एक दिलचस्प यात्रा है, जो प्राचीन समय से लेकर आधुनिक युग तक फैली हुई है। बजट अब केवल एक वित्तीय दस्तावेज नहीं बल्कि एक देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दिशा को तय करने वाला महत्वपूर्ण उपकरण बन चुका है। तो चलिए आपको इस लेख में जानते हैं बजट के इतिहास के बारे में…

Also Read: तिरंगे का सफर: स्वतंत्रता संग्राम से राष्ट्रीय ध्वज तक का गौरवशाली इतिहास

कहां से आया Budget शब्द?

‘बजट’ शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के शब्द ‘Bougette’ से हुई है, जिसका अर्थ होता है ‘छोटा थैला’। ऐसा माना जाता है कि इस शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1733 में किया गया था, जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर रॉबर्ट वालपोल ने संसद में एक चमड़े के थैले में वित्तीय प्रस्तावों को पेश किया था। इस थैले को ‘बजट’ कहा गया और यहीं से इस शब्द का प्रचलन शुरू हुआ।

इसके बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि इंग्लैंड में 18वीं शताबदी में, “बजट” शब्द का इस्तेमाल तब से होने लगा जब चांसलर ऑफ़ एक्सचेकर (जो कि एक सरकारी वित्तीय अधिकारी होते थे) अपना वित्तीय खाका एक थैली से निकालकर संसद में पेश करते थे। इस परंपरा के कारण इस शब्द का इस्तेमाल शुरू हुआ और धीरे-धीरे यह दुनिया भर में प्रचलित हो गया।

भारत में बजट का इतिहास

भारत में बजट का इतिहास ब्रिटिश शासन से जुड़ा है। भारत का पहला बजट 1860 में पेश किया गया था, जब ब्रिटिश साम्राज्य के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने इसे संसद में प्रस्तुत किया। यह बजट मुख्य रूप से ब्रिटिश शासन के वित्तीय खर्चों और करों के लिए था। भारत में स्वतंत्रता के बाद, 1947 में पहले भारतीय वित्त मंत्री आर.के. शनमुखम चेट्टी ने भारतीय संसद में पहला स्वतंत्र भारत का बजट पेश किया। इसके बाद से, हर साल 1 फरवरी को भारतीय बजट प्रस्तुत किया जाने लगा। वही आजकल, हम इसे किसी भी संस्था या व्यक्ति द्वारा तय किए गए वित्तीय लक्ष्य और खर्चों की योजना के रूप में समझते हैं।

नरेंद्र मोदी सरकार ने 2017 में भारतीय बजट जारी करने की तारीख और समय में बदलाव किया। पहले बजट शाम 5 बजे जारी किया जाता था जिसे बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया गया। तब से बजट सुबह ही पेश किया जाता है। वही साल 2017 में मोदी सरकार ने एक और परंपरा तोड़ी जब अरुण जेटली वित्त मंत्री बने तो 2017 में रेल बजट को आम बजट के साथ ही पेश किया गया। इससे पहले रेल बजट को आम बजट से 2 दिन पहले रेल मंत्री द्वारा पेश किया जाता था।

Also Read: क्या है राज्यसभा और कैसे चुने जाते हैं राज्यसभा के सांसद, समझें बिल्कुल आसान भाषा में.

क्यों बजट की तारीख के साथ समय भी बदला ?

आमतौर पर फरवरी के पहले सप्ताह में बजट पेश किया जाता था, लेकिन अब सरकार ने इसे एक दिन आगे बढ़ाकर 1 फरवरी को पेश करने का निर्णय लिया है। इससे बजट पर चर्चा और प्रतिक्रिया का समय बढ़ जाता है, और साथ ही वित्तीय वर्ष के अंत के करीब होने की वजह से यह समय अधिक उपयुक्त माना गया है।

साथ ही, बजट आमतौर पर दिन के अंत या शाम के समय पेश किया जाता था, क्योंकि तब चांसलर को संसद या सरकार के अन्य सदस्यों से मिलने का समय मिलता था। इस कारण से बजट पेश करने का समय भी शाम को होता था, और इस समय को भी “Budget Day” कहा जाता था। इस तरह से, बजट का इतिहास और शब्दावली धीरे-धीरे विकसित होती गई, और आज यह वित्तीय योजनाओं और प्रस्तावों का एक सामान्य हिस्सा बन चुका है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *