अंबेडकर संबल योजना एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे विशेष रूप से दलित समुदाय के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लागू किया गया है। यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लॉन्च की गई थी और इसका उद्देश्य दलितों के जीवन स्तर को सुधारने, उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है।
इस योजना के अंतर्गत छह मुख्य योजनाओं को लागू किया गया है
इस योजना के अंतर्गत छह मुख्य योजनाओं को लागू किया गया है, जिनका उद्देश्य दलितों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं और सहायता प्रदान करना है। ये योजनाएं निम्नलिखित हैं:
आर्थिक सहायता और ऋण योजना: इसके तहत दलितों को व्यवसाय शुरू करने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए बिना ब्याज वाले ऋण दिए जाते हैं। इससे उनके जीवन स्तर में सुधार होता है और वे खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते हैं।
शिक्षा और प्रशिक्षण: योजना के माध्यम से दलित समुदाय के बच्चों और युवाओं को शिक्षा और कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर मिलते हैं और वे आत्मनिर्भर हो सकते हैं।
स्वास्थ्य योजना: यह योजना दलित समुदाय के लोगों को मुफ्त या सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए है, जिससे उनकी सेहत में सुधार हो सके और उन्हें इलाज के लिए आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।
रोजगार सृजन: योजना के तहत दलितों को रोजगार के अवसर दिए जाते हैं, विशेषकर छोटे उद्योगों और व्यवसायों के माध्यम से, जिससे वे स्थिर आय प्राप्त कर सकें।
विवाह सहायता योजना: अंबेडकर संबल योजना के तहत दलितों के विवाहों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे अपनी सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकें।
सामाजिक सुरक्षा योजना: इस योजना के अंतर्गत, बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को पेंशन और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे अपनी जीवन यापन की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
इन योजनाओं के माध्यम से डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को जीवित रखने और दलित समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने की दिशा में यह योजना एक अहम कदम है।