Top 50 Quotes of Ambedkar in Hindi: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, भारत के संविधान निर्माता और एक महान दार्शनिक थे। उनके विचारों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है। तो चलिए आपको इस लेख में भीमराव अंबेडकर के 50 सबसे मशहूर अनमोल विचार के बारें में बताते हैं.
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समाज और समानता पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचार
- “मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।”
- “मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है।”
- “वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं।”
- “धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए।”
- “एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है।
- “जो कौम अपना इतिहास नही जानती है, वे कौम कभी अपना इतिहास नहीं बना सकती है।”
- “शिक्षा वो शेरनी है जो इसका दूध पिएगा तो दहाड़ेगा”
- “ज्ञान, व्यक्ति के जीवन जीने का आधार है।”
- “बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।”
- “समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।”
- “जीवन लंबा होने के बजाए महान होना चाहिए।”
- “हमारे संविधान में ‘मत’ का अधिकार एक ऐसी ताकत है जो कि किसी ब्रह्मास्त्र से कहीं अधिक ताकत रखता है।”
- “संविधान यह एक मात्र वकीलों का दस्तावेज नहीं।”
- “जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिए बेईमानी है।”
- “मनुष्य नश्वर है, उसी तरह विचार भी नश्वर है, एक विचार को प्रचार प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की नहीं तो दोनों मुरझा कर मर जाते हैं ।”
- “जीवन, लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए”,
- “भाग्य में विश्वास रखने के बजाय अपनी शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए।”
- “बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।”
- “जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी काम की नहीं।”
- “यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।”
- उदासीनता सबसे खतरनाक बीमारी है जो लोगों को प्रभावित कर सकती है।
- संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है बल्कि यह जीवन जीने का एक माध्यम है।
- आप स्वाद को बदल सकते हैं परन्तु जहर को अमृत में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
- जो कौम अपना इतिहास नही जानती है, वह कौम कभी अपना इतिहास नही बना सकती है।
- धर्म पर आधारित मूल विचार व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास के लिए एक वातावरण बनाना है।
- शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।
- शिक्षा वो शेरनी है। जो इसका दूध पिएगा वो दहाड़ेगा।
- देश के विकास के लिए नौजवानों को आगे आना चाहियें।
- यदि आप मन से स्वतंत्र हैं तभी आप वास्तव में स्वतंत्र हैं।
- अच्छा दिखने के लिए नहीं, बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ।
- शिक्षा सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध होनी चाहिए।
- डॉक्टर अंबेडकर ने सभी के लिए समान शिक्षा के अवसरों पर जोर दिया।
- विद्यार्थी की पहचान ज्ञान से होती है, फिर चाहे उनकी जाति, धर्म, या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
- शिक्षा एक ऐसा साधन है, जो लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाता है।
- विद्यार्थियों को मिलने वाली शिक्षा व्यावहारिक और उपयोगी होनी चाहिए।
- यदि हम आधुनिक विकसित भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों को एक होना पड़ेगा।
- मेरी प्रशंसा और जय-जय कार करने से अच्छा है, मेरे दिखाये गए मार्ग पर चलो।
- ज्ञानी लोग किताबों की पूजा करते हैं, जबकि अज्ञानी लोग पत्थरों की पूजा करते हैं।
- जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
- स्वतंत्रता का अर्थ साहस है, और साहस एक पार्टी में व्यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है।
- मैं राजनीतिक सुख भोगने नहीं बल्कि नीचे दबे हुए अपने भाईओं को अधिकार दिलाने आया हूँ।
- क़ानून और व्यवस्था, राजनीतिक शरीर की दवा है। जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।
- भाग्य से ज्यादा अपने आप पर विश्वास करो। भाग्य में विश्वास रखने के बजाय शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए।
- निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो।
- एक महान व्यक्ति एक प्रख्यात व्यक्ति से एक ही बिंदु पर भिन्न है कि महान व्यक्ति समाज का सेवक बनने के लिए तत्पर रहता है।
- राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अन्तर भुलाकर उनमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।
- यदि हमें अपने पैरों पर खड़े होना है, अपने अधिकार के लिए लड़ना है, तो अपनी ताकत और बल को पहचानो। क्योंकि शक्ति और प्रतिष्ठा संघर्ष से ही मिलती है।
- कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए आवश्यक नहीं है। मैं यह दृष्टिकोण नहीं रखता। मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन और प्रथाओं के लिए आवश्यक मानता हूं।
- जिसे अपने दुखों से मुक्ति चाहिए, उसे लड़ना होगा। और जिससे लड़ना है उसे, उससे पहले अच्छे से पढ़ना होगा क्योंकि ज्ञान के बिना लड़ने गए तो आपकी हार निश्चित है।
- एक सफल क्रांति के लिए यह आवश्यक नहीं है कि असंतोष हो। जो आवश्यक है वह है न्याय, आवश्यकता, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के महत्व पर गहन और गहन विश्वास।