Chandrashekhar Azad Ravan: हाल ही में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावन ने संत शिरोमणि जगतगुरु रविदास जी की जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखा है। तो चलिए आपको लेख में संत रविदास के बारे में बताते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लिखा पत्र
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण एक भारतीय दलित-बहुजन अधिकार कार्यकर्ता हैं। वह एक आंबेडकरवादी व राजनीतिज्ञ हैं वह आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान में नगीना, उत्तर प्रदेश से लोक सभा सांसद हैं। चंद्रशेखर आज़ाद ने समाज में उत्पीड़ित और शोषित वर्गों के अधिकारों की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे भारतीय राजनीति और समाज में दलित समुदाय की आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य समाज में दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को सुनिश्चित करना और उनके बीच जागरूकता फैलाना था।
चंद्रशेखर आज़ाद रावन ने अपने संघर्ष के माध्यम से दलितों की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया है। उन्होंने न केवल दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि समाज में उनके समानता और सम्मान के लिए भी आवाज उठाई है। उनका योगदान समाज में जागरूकता और बदलाव लाने में बहुत महत्वपूर्ण रहा है। वही अब हाल ही में चंद्रशेखर आजाद रावन ने संत शिरोमणि जगतगुरु रविदास जी की जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखा है।
संत शिरोमणि जगतगुरु रविदास जी की जयंती (12 फरवरी 2025) पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने एवं
शोभा यात्राओं और अन्य कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए पूर्व में ही अनुमति देने की व्यवस्था हेतु माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी को पत्र लिखा।@mygovindia pic.twitter.com/hQKB8GpRnP— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 25, 2025
कौन है संत रविदास
संत रविदास एक भारतीय संत, कवि और समाज सुधारक थे। उन्हें मध्यकालीन भारत के सबसे प्रभावशाली संतों में से एक माना जाता है। वे जातिवाद के विरोधी थे और सभी मनुष्यों की समानता में विश्वास रखते थे। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। संत रविदास जी का योगदान भारतीय समाज और धार्मिक जीवन में अत्यधिक प्रभावी रहा है, और उनके उपदेशों से समाज में समानता, प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलता है।
वही आपको बता दें चंद्रशेखर का यह पत्र संत रविदास जी की जयंती को और भी मान्यता देने में मदद करेगी और समाज के विभिन्न वर्गों को उनके योगदान को याद करने का एक मौका मिलेगा। चंद्रशेखर आजाद रावन की यह पहल उनके नेतृत्व और समाज के प्रति उनके समर्पण को भी दर्शाती है।
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