बाबा साहेब को मानने वाले आज भी उन्हें सिर पर बिठा कर रखते हैं..उनकी पूजा करते हैं..उनके आदर्शों पर चलकर समाज को एकजुट करने का काम करते हैं…बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने वाले लोग दलितों को फ्री शिक्षा मुहैया कराने, दुनिया के माथे पर बाबा साहेब के विचारों को उकेरने से लेकर सामाजिक समानता और सेवा भाव के आदर्शों को भी आगे बढ़ाने का काम करते हैं…आज हम आपको बाबा साहेब अंबेडकर को समर्पित एक ऐसे ही अस्पताल के बारे में बताएंगे, जिसकी हर दीवार पर डॉ. अंबेडकर की तस्वीर लगी हुई है…अस्पताल में एक बौद्ध विहार भी है…
कौन सा है वो अनोखा अस्पताल
बाबा साहेब अंबेडकर को समर्पित यह अस्पताल वाराणसी में है…नाम है- सार्थक सर्जिकल अस्पताल…डॉ. विनोद कुमार, इस अस्पताल के संस्थापक हैं…वो अपने समाजसेवी कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। वह विशेष रूप से गरीब मरीजों के लिए चिकित्सा सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराते हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। उनका यह कार्य सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
चलिए समझते हैं कि बाबा साहेब को समर्पित इस अस्पताल की विशेषताएं क्या हैं….
पहला है डॉ. अंबेडकर की विरासत
अस्पताल की दीवारों पर लगी डॉ. अंबेडकर की तस्वीरें और उनके विचारों का संदेश इस बात का प्रतीक है कि यह स्थान केवल चिकित्सा सेवा का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक समानता और समरसता का भी केंद्र है। डॉ. अंबेडकर के विचारों से प्रेरणा लेते हुए, अस्पताल में सभी का समान रूप से स्वागत किया जाता है, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म, या सामाजिक पृष्ठभूमि से हों।
दूसरा है बौद्ध विहार
अस्पताल में बौद्ध अनुयायियों के लिए एक बौद्ध विहार भी बनाया गया है, जहाँ मरीज और उनके परिजन शांति और मानसिक सुकून के लिए प्रार्थना कर सकते हैं। यह स्थान लोगों को आध्यात्मिक ताकत देता है, जो उनके इलाज के दौरान एक सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन सकता है।
तीसरा है मुफ्त चिकित्सा सेवाएं
डॉ. विनोद कुमार गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं। उनकी यह सेवा वाराणसी और उसके आस-पास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है, जहाँ कई लोग महंगे चिकित्सा खर्च वहन करने में असमर्थ होते हैं। उनके अस्पताल में हर कोई, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, या आर्थिक पृष्ठभूमि का हो, समान रूप से सम्मान और सेवा प्राप्त करता है।
चौथा है सामाजिक न्याय और सेवा का प्रतीक
सार्थक सर्जिकल अस्पताल केवल एक अस्पताल नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, समता, और सेवा भावना का प्रतीक है। डॉ. विनोद कुमार का यह कदम समाज के हाशिए पर खड़े लोगों के लिए एक बड़ा सहारा है और डॉ. अंबेडकर के विचारों के प्रति उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।
ध्यान देने वाली बात है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर डॉ. विनोद कुमार के प्रमुख प्रेरणा स्रोत हैं। उनका जीवन और उनके विचार डॉ. विनोद कुमार के कार्यों और उनकी सामाजिक सेवा के पीछे की प्रेरणा का आधार है। डॉ. अंबेडकर ने जीवनभर दलितों, पिछड़ों और सामाजिक रूप से हाशिए पर खड़े लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और समानता, शिक्षा एवं सामाजिक न्याय का संदेश दिया।
डॉ. अंबेडकर का जीवन संघर्ष और उनके सिद्धांत, खासकर सामाजिक न्याय और समानता के लिए उनका संघर्ष, डॉ. विनोद कुमार के जीवन और कार्यों को प्रेरित करता है। बाबा साहेब ने हमेशा समाज के वंचित तबकों के उत्थान की बात की और यह विचार डॉ. विनोद की चिकित्सा सेवाओं में भी झलकता है, जहाँ वे गरीब और जरूरतमंदों को मुफ्त चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं।
आपको बता दें कि डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण हथियार माना था, जिसके जरिए किसी भी व्यक्ति और समाज को सशक्त किया जा सकता है। इसी प्रेरणा से डॉ. विनोद ने मेडिकल शिक्षा प्राप्त कर गरीबों और पिछड़े वर्गों की मदद करने का संकल्प लिया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनका ज्ञान और विशेषज्ञता सिर्फ आर्थिक रूप से संपन्न लोगों तक सीमित न रहे, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी इसका लाभ मिले।
बौद्ध धर्म और आध्यात्मिकता
डॉ. अंबेडकर की तरह डॉ. विनोद कुमार भी बौद्ध धर्म से प्रेरित हैं। उन्होंने अस्पताल में बौद्ध विहार बनवाया, जहाँ मरीज और उनके परिजन प्रार्थना कर सकते हैं और मानसिक शांति पा सकते हैं। डॉ. अंबेडकर ने बौद्ध धर्म को अपनाया क्योंकि यह धर्म समानता, शांति, और करुणा के सिद्धांतों पर आधारित है। ये ही मूल्य डॉ. विनोद के सेवा कार्यों में भी देखने को मिलते हैं।