बाबा साहेब के लिए खाना बनाती थीं ये दादी

Bhimrao Ambedkar
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बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर मध्यप्रदेश में पैदा हुए…महाराष्ट्र में पले बढ़े और दिल्ली उनकी कर्म भूमि रही. महाराष्ट्र और दिल्ली से ही उन्होंने दलित अधिकारों की लड़ाई लड़ी और अपना जीवन दलितों के हितों में झोंक  दिया. महाराष्ट्र के पुणे के मावल तहसील के गांव तलेगांव में उन्होंने एक बड़ा घर बनवाया, जहां वो 4 से 5 सालों तक रहे थे. जिस घर में वो रहते थे, वो आज भी बरकरार है…वहां की जमीनों पर बाबा साहेब के अनुयायी रहते हैं, जो उनके विचारों को संजोए हुए हैं…आज हम आपको बाबा साहेब के इस गांव की एक ऐसी महिला के बारे में बताऊंगा, जो उनके लिए खाना बनाती थीं और वो आज भी जीवित हैं…

बाबा साहेब और महाराष्ट्र

दरअसल, बाबा साहेब अपने जीवनकाल में कुछ समय के लिए महाराष्ट्र के तलेगांव में बस गए थे। यहां उन्होंने करीब 45 एकड़ जमीन खरीदी थी और इस जमीन पर एक खूबसूरत घर बनवाया था, जो आज भी मौजूद है। बाबा साहेब के जन्मदिन पर लोग दूर-दूर से उनके घर के दर्शन करने आते हैं। उनके घर में उनसे जुड़ी कई खास चीजें आज भी मौजूद हैं। जैसे उनकी पुरानी तस्वीरें और उनके द्वारा लिखी गई कुछ किताबें, उनका कमरा और भी बहुत कुछ।

दरअसल, हाल ही में ‘तथागत लाइव’ नाम के एक यूट्यूब चैनल ने बाबा साहेब के इस घर के बारे में जानकारी दी थी। इस वीडियो में बताया गया था कि बाबा साहेब ने तलेगांव में 41 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदी थी… उस वक्त उनका मकसद यहां घर बनवाना नहीं था, वो बस यहां एक विद्यापीठ बनवाना चाहते थे। वहीं, बाबा साहेब के निधन के बाद अब उनकी आधी से ज्यादा जमीन बिक चुकी है। जो जमीन बची है, उस पर बाबा साहेब के अनुयायी रहते हैं और वो बाबा साहेब की याद में उनकी विरासत को संजोए हुए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, जब बाबा साहेब तलेगांव में एक कॉलेज खोलने की योजना बना रहे थे, तो वे एक भरोसेमंद व्यक्ति की तलाश कर रहे थे, जिसके साथ वे कॉलेज बनाने के अपने सपने को पूरा कर सकें। इस दौरान उनकी मुलाकात तात्रे लिंबाजी गायकवाड से हुई। लिम्बाजी गायकवाड़ पेशे से एक व्यापारी थे, उनके साथ मिलकर बाबा साहेब ने यहां की जमीन पर एक कुआं खुदवाया..कॉलेज तो नहीं बना लेकिन बाबा साहेब ने अपना घर भी उनसे ही बनवाया, बाबा साहेब उनकी मेहनत और ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुए। जब भी बाबा साहेब मुंबई से पुणे आते, तो वे लिम्बाजी गायकवाड़ के घर पर जरूर रुकते और यहां खाना खाते थे। लिम्बाजी की बहू काशीबाई गायकवाड़ बाबा साहेब अंबेडकर के लिए खाना बनाती थीं।

कौन थी काशीबाई गायकवाड़

93 वर्षीय काशीबाई गायकवाड़ का डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर से घनिष्ठ संबंध था। एक खास बातचीत में काशीबाई ने डॉ. आंबेडकर को पसंद आने वाले खाने के बारे में बात की और कहा कि बाबासाहेब को भाजी और भाकरी खाना बहुत पसंद था। काशीबाई कहती हैं कि उन्हें डॉ. आंबेडकर को खाना परोसकर संतुष्टि मिलती थी। उन्होंने बाबासाहेब को बहुत ही नरम स्वभाव का व्यक्ति बताया। उन्होंने यह भी कहा कि बाबासाहेब ने उनके ससुर यानी लिंबाजी गायकवाड़ को ईमानदारी का एक सर्टिफिकेट दिया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि लिम्बाजी गायकवाड़ बहुत मेहनती और ईमानदार व्यक्ति हैं और वे सड़क निर्माण और बिल्डिंग का काम बहुत अच्छे से जानते हैं। यह सर्टिफिकेट आज भी गायकवाड़ परिवार के पास सुरक्षित है।

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