बहुजन नहीं होते तो यह देश संपूर्ण नहीं होता. बहुजन नहीं होते तो अनेकता में एकता वाली बातें मिथ्या होती...बहुजन नहीं होते तो देश की संस्कृति नहीं होती और बहुजन नहीं होते तो देश एकजुट नहीं होता.
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हमारी इस लिस्ट के पहले बहुजन DGP ऑफिसर का नाम है कंचन चौधरी भट्टाचार्य, ये एक महिला हैं जिन्होंने अपने दम पर अपनी मंजिलें तय की है.
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हमारे इस लिस्ट के दूसरे बहुजन DGP हैं अनिल कांत. वह 1988 बैच के IPS अधिकारी हैं.
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इस लिस्ट के अगले DGP हैं बृजलाल. ये कोली समुदाय से हैं और 1977 बैच के IPS अधिकारी हैं.
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हमारी इस सूची के चौथे बहुजन DGP अधिकारी गौतम सवांग हैं.
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इस लिस्ट के पांचवें और आखिरी बहुजन DGP हैं रवींद्रनाथ. ये 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.