By: Shikha
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दलित पैंथर भारत का पहला आक्रामक दलित युवा आंदोलन
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दलित पैंथर आंदोलन भारत में दलित अधिकारों के लिए
एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन था।
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दलित पैंथर की स्थापना 29 मई 1972 को महाराष्ट्र के
मुंबई में नामदेव ढसाल, जे.वी. पवार, राजा ढाले और अरुण कांबले ने की थी।
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इसका मुख्य उद्देश्य जातिगत भेदभाव,
अत्याचार और सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ना था।
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यह आंदोलन दलितों को उनके अधिकारों के
प्रति जागरूक करने और उन्हें सामाजिक समानता दिलाने के लिए शुरू किया गया था।
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दलित पैंथर आंदोलन ने हमेशा उग्र राजनीति को बढ़ावा दिया और
अम्बेडकर, ज्योतिराव गोविंदराव फुले एवं कार्ल मार्क्स के क़दमों पर चलने का दावा किया।
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इस आंदोलन ने दलितों के खिलाफ होने वाले
अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और उन्हें न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया।
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दलित पैंथर ने साहित्य और
कला के माध्यम से भी अपनी बात लोगों तक पहुंचाई।