आजादी के बाद संवैधानिक पदों पर रहने वाले 5 दलित नेता
Source: Google
दलितों के हित की Fight से कुछ सदी पहले ही आरंभ हो गई थी. अंग्रेजों के समय में लोगों का ध्यान प्रमुखता से इस ओर गया और लोगों ने आवाज उठानी शुरु कर दी. तो चलिए जानते है उन दलित नेता के बारे में...
Source: Google
पहले नंबर पर हैं बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर - आजादी से पहले और आजादी के बाद तक बाबा साहेब ने दलितों के हित में जमीन से लेकर सरकार तक, हर हिसाब से काम किया.
Source: Google
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं बाबू जगजीवन राम - जगजीवन राम दलितों के ऐसे नेता थे, जिन्होंने एक बार तो इंदिरा गांधी को झंकझोर कर रख दिया था.
Source: Google
इस सूची में तीसरे नंबर पर हैंके आर नारायणन दलितों के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे. समय समय पर उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए आवाज भी उठाई और उनके हित में कार्य भी किया.
Source: Google
इसमें चौथे नंबर पर हैं कांशी रामदलितों की आवाज कांशी राम का नाम तो आपने कई दफा सुना होगा. बहुजन नायक के नाम से प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक कांशी राम ने 1984 में बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की.
Source: Google
इसमें पांचवें नंबर पर हैं मायावतीआजादी के बाद देश के सबसे बड़े दलित नेताओं में मायावती का नाम भी आता है.