भारत में दलितों की अपनी पहचान हो, अपनी राजनीतिक पकड़ हो, अपने दम पर कुछ कर पाने का जज्बा हो...इन सारी चीजों का इंतजाम बाबासाहेब ने लंबे संघर्ष के बाद जीते जी कर दिया था.
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बाबासाहेब के बाद तमाम ऐसे नेता हुए, जिन्होंने दलितों की लड़ाई लड़ी लेकिन कई दलित चेहरे ऐसे रहे जिनका मौत रहस्य बन गया और गुत्थी आज तक नहीं सुलझी...
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पहले हैं जगजीवन राम. 6 जुलाई को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई लेकिन उनकी मृत्यु की खबर आकाशवाणी ने 4 अगस्त को ही चला दी थी.
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लंबे तक इसके पीछे कांग्रेस का हाथ बताया गया. हालांकि, सच्चाई क्या है आज तक किसी को नहीं पता.
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दूसरे हैं दलित नेता शक्ति मलिक. आरजेडी से निष्कासन के बाद किसी ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. इस मामले में भी अभी तक कुछ बड़ा अपडेट नहीं आया.
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अगले नेता हैं राकेश पासवान. भीम आर्मी के इस दलित नेता की हत्या पर भी काफी बवाल मचा था. बाइक सवार अपराधियों ने घर के सामने उन पर गोली बरसा कर उनकी हत्या कर दी.