क्या कहती है BNS की धारा 45, जानें महत्वपूर्ण बातें

बीएनएस (BNS) की धारा 45
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BNS Section 45 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता, 2023 की, बीएनएस धारा 45 दुष्प्रेरण से संबंधित है। यह धारा किसी व्यक्ति को किसी अपराध को करने के लिए उकसाने या षडयंत्र में शामिल होने से संबंधित है। तो चलिए आपको इस लेख में (BNS) की धारा 45 के बारें में विस्तार से बताते है

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धारा 45 क्या कहती है? BNS Section 45 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 45 में ‘उकसाने’ की परिभाषा दी गई है।  इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति को किसी अवैध काम के लिए प्रोत्साहित करना, मदद करना, या उसके साथ साज़िश करना। यह धारा बताती है कि जो कोई भी व्यक्ति किसी कार्य को करने के लिए उकसाता है, साजिश रचता है या सहायता करता है, वह उस कार्य के परिणाम के लिए कानूनी रूप से उत्तरदायी है।

बीएनएस की धारा 45 का उद्देश्य
  • इस धारा में उकसावे से जुड़े कानूनी पहलुओं को बताया गया है
  • उकसाने में किसी को कोई काम करने के लिए प्रेरित करना, दूसरों के साथ मिलकर साज़िश करना, या किसी काम में जान-बूझकर मदद करना शामिल है
  • जान-बूझकर गलत बयानी करना या किसी अहम तथ्य को छिपाना भी उकसाने में शामिल है
  • किसी काम को करने से पहले या उसके दौरान उस काम को आसान बनाने के लिए की गई कोई भी कार्रवाई, उस काम में मदद करना मानी जाती है
    मारने  के लिए उकसाना भी अपराध है

    उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक अधिकारी को किसी व्यक्ति की गलत पहचान बताकर गुमराह करता है, तो यह उकसाने का मामला है

धारा 44 का महत्व और उद्देश्य 

बीएनएस की धारा 45 के अनुसार, किसी बात का दुष्प्रेरण वह है जब कोई व्यक्ति:

  1. किसी अन्य व्यक्ति को किसी कार्य को करने के लिए उकसाता है,
  2. किसी षडयंत्र में शामिल होता है, या
  3. किसी कार्य को करने में जानबूझकर सहायता करता है।

दुष्प्रेरण के कुछ उदाहरण:

  • एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को किसी की हत्या करने के लिए उकसाता है।
  • एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर किसी की संपत्ति को लूटने की योजना बनाता है।
  • एक व्यक्ति किसी अपराध को करने में किसी अन्य व्यक्ति की जानबूझकर सहायता करता है।

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