क्या कहती है BNS की धारा 51,जानें महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 51 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता, 2023 की, धारा 51  में दुष्प्रेरक के दायित्व का प्रावधान है, जब एक कार्य के लिए दुष्प्रेरण दिया जाता है और दूसरा कार्य किया जाता है। बशर्ते कि किया गया कार्य दुष्प्रेरण का संभावित परिणाम था और दुष्प्रेरण के प्रभाव में या सहायता से या किसी षडयंत्र के अनुसरण में किया गया था, जो दुष्प्रेरण का अपराध बनता है।  तो चलिए आपको इस लेख में (बीएनएस) की धारा 51  के बारें में विस्तार से बताते है.

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धारा 51 क्या कहती है? BNS Section 51 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 51, यह कहती है कि यदि किसी को कुछ करने के लिए उकसाया जाता है और वह कुछ और करता है, तो उकसाने वाला उस कार्य के लिए भी जिम्मेदार होता है। यह तब लागू होता है जब किया गया कार्य उकसावे का संभावित परिणाम था।इस धारा के तहत उकसाने वाले के जिम्मेदार होने की शर्तें हैं..किया गया काम, दुष्प्रेरण का संभावित नतीजा होना चाहिए। दूसरी और यह कार्य किसी साजिश के प्रभाव में, या साजिश की सहायता से या साजिश के अनुसरण में किया जाना चाहिए। वही उकसाने का अपराध साजिश में शामिल होना चाहिए।

इस धारा के कुछ उदाहरण

यदि कोई बच्चे को जहर खाने के लिए उकसाता है और बच्चा गलती से किसी और के खाने में जहर डाल देता है, तो उकसाने वाला जिम्मेदार होगा। और यदि कोई किसी को घर जलाने के लिए उकसाता है और वह घर में आग लगा देता है और चोरी भी करता है, तो उकसाने वाला जलाने के लिए जिम्मेदार होगा।

बीएनएस की धारा 51  के तहत  दुष्प्रेरण के लिए वही सजा है जो उस अपराध के लिए है जिसे करने के लिए उकसाया गया था। वही यह आवश्यक नहीं है कि दुष्प्रेरण सफल हो। यदि किसी व्यक्ति को किसी अपराध को करने के लिए उकसाया जाता है, और वह व्यक्ति उस अपराध को करने का प्रयास करता है, तो भी उकसाने वाले व्यक्ति को दोषी ठहराया जा सकता है।

इसके अलवा दुष्प्रेरण के लिए सजा उस अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है जिसे करने के लिए उकसाया गया था। दुष्प्रेरण एक गंभीर अपराध है, और इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान है।

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