क्या कहती है BNS की धारा 107, जानें महत्वपूर्ण बातें

BNS Section 107, BNS Section 107 in Hindi
Source: Google

BNS Section 107 in Hindi: बीएनएस धारा 107 के अनुसार, किसी व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाना या सहायता करना अपराध है, चाहे वह बच्चा हो, मानसिक रूप से अस्वस्थ हो, पागल हो या शराबी हो। कानून में ऐसे उकसावे के लिए दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। तो चलिए जानते  हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

Also Read: क्या कहती है BNS की धारा 106,जानें महत्वपूर्ण बातें

धारा 107 क्या कहती है? BNS Section 107 in Hindi

भारतीय न्यायिक संहिता बीएनएस (BNS) की धारा 107 आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित है, खासकर जब किसी कमजोर व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए उकसाया जाता है। यह धारा किसी व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए उकसाना, सहायता करना या प्रोत्साहित करना अपराध घोषित करती है, खासकर जब वह व्यक्ति अठारह वर्ष से कम उम्र का हो, मानसिक रूप से अस्वस्थ हो, पागल हो या नशे की हालत में हो।

यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को मिथ्या कथन देकर या किसी महत्वपूर्ण तथ्य को (जिसे प्रकट करने के लिए वह आबद्ध है) छिपाकर जानबूझकर कोई कार्य करने के लिए प्रेरित करता है या प्रेरित करने का प्रयास करता है, तो उसे उस कार्य को करने के लिए उकसाने वाला कहा जाता है।

Also Read: क्या कहती है BNS की धारा 102,जानें महत्वपूर्ण बातें

बीएनएस धारा 107 के उदाहरण

बीएनएस धारा (BNS Section) 107 के कुछ उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं कि…उदाहरण 1 –‘ए’ ‘बी’ से कहता है, “मैं चाहता हूँ कि तुम ‘सी’ को मार दो। मैं तुम्हें ₹10,000 दूंगा।” यदि ‘बी’ ‘ए’ के ​​उकसावे पर ‘सी’ को मार देता है, तो ‘ए’ धारा 107 के तहत हत्या के लिए उकसाने का दोषी होगा।

उदाहरण 2 – बॉस अपने कर्मचारी पर बार-बार गलत तरीके से स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने का दबाव डालता है। लगातार दबाव के कारण कर्मचारी ऐसा करता है। यहां बॉस धारा 107 के तहत अपराध को बढ़ावा देने का दोषी हो सकता है।

उदाहरण 3 – ‘ए’ और ‘बी’ मिलकर ‘सी’ के घर में चोरी करने की योजना बनाते हैं। इस योजना के तहत ‘ए’ घर का दरवाजा तोड़ता है और ‘बी’ अंदर जाकर सामान चुरा लेता है। यहां ‘ए’ और ‘बी’ दोनों ही चोरी के अपराध को बढ़ावा देने के दोषी होंगे क्योंकि चोरी एक साजिश के तहत की गई है।

जानिए बीएनएस धारा 107 सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 107 के तहत मिलाने वाली सजा कुछ इस तरह है कि…बीएनएस धारा 107 उकसावे की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग सज़ाएँ निर्धारित करती है। कमज़ोर व्यक्तियों को आत्महत्या के लिए उकसाने पर कड़ी सज़ा होती है, जबकि अन्य उकसावे के लिए सज़ा उकसाए गए अपराध की प्रकृति और अपराध वास्तव में किया गया था या नहीं, इस पर निर्भर करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *